कब है ज्येष्ठ माह का शुक्र प्रदोष व्रत? जानिए पति पत्नी के सुखी दांपत्य जीवन के लिए क्यों जरूरी है ये व्रत?

धर्म कब है ज्येष्ठ माह का शुक्र प्रदोष व्रत? जानिए पति पत्नी के सुखी दांपत्य जीवन के लिए क्यों जरूरी है ये व्रत?

Ankita Rai
Update: 2022-05-18 07:26 GMT
कब है ज्येष्ठ माह का शुक्र प्रदोष व्रत? जानिए पति पत्नी के सुखी दांपत्य जीवन के लिए क्यों जरूरी है ये व्रत?

डिजिटल डेस्क, भोपाल।   हिंदू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ की शुरुआत आज (18 मई 2022) से हो रही है। साथ ही इस बार ज्येष्ठ कृष्ण त्रयोदशी तिथि को प्रदोष 27 मई पड़ेगा। कहा जाता है कि शुक्र प्रदोष व्रत रखने से सौभाग्य में वृद्धि होती है और दांपत्य जीवन खुशियों से भर जाता है। 

ज्येष्ठ माह का शुक्र प्रदोष व्रत 2022
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण शुक्र प्रदोष व्रत 27 मई दिन शुक्रवार को 11 बजकर 47 मिनट से शुरु हो रहा है। साथ ही व्रत की समाप्ति 28 मई को दोपहर 01 बजकर 09 मिनट पर होगी। आप को बता दें कि शुक्र प्रदोष व्रत 27 मई को रखा जाएगा क्योंकि प्रदोष पूजा का शुभ मुहूर्त शाम का है। 

शुक्र प्रदोष व्रत का म​हत्व
जो लोग  प्रदोष का व्रत रखते हैं, उनके दांपत्य जीवन में खुशहाली बनी रहती है। इस व्रत को करने से सौभाग्य, संपत्ति, सुख, धन, आरोग्य  में वृद्धि होती है। साथ ही इस व्रत को करने से संतान की प्राप्ति भी होती है। 

शुक्र प्रदोष व्रत कथा
स्कंद पुराण के अनुसार एक गांव में एक विधवा ब्राह्मणी  भिक्षा से गुजारा करती थी। एक दिन उसे भिक्षा लेकर लौटते समय नदी किनारे एक बालक मिला। वह विदर्भ देश का राजकुमार धर्मगुप्त था। बताया जाता है कि विदर्भ देश के राजा से उनका राज्य हड़प लिया था साथ ही राजा की हत्या कर दी थी। राजुकमार धर्मगुप्त की माता की मृत्यु हो चुकी थी। जिसके बाद ब्राह्मण महिला ने उसे अपना लिया। एक दिन ऋषि शांडिल्य ने उस ब्राह्मण महिला को प्रदोष व्रत करने के लिए कहा था। प्रदोष व्रत करने कि वजह से राजकुमार धर्मगुप्त का विवाह गंधर्व राज की कन्या से हुआ। जिनकी बाद राजकुमार को अपना खोया राज्य प्राप्त हो गया, और प्रदोष व्रत की बदोलत सभी कष्ट टल गए। इसके बाद से माना जाता है कि जो भी प्रदोष व्रत करते हैं उनका जीवन सुखमय होता है।
 

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