गुप्त नवरात्रि 18 से, तंत्र साधना के लिए विशेष माने हैं ये 9 दिन

गुप्त नवरात्रि 18 से, तंत्र साधना के लिए विशेष माने हैं ये 9 दिन

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-05 03:58 GMT
गुप्त नवरात्रि 18 से, तंत्र साधना के लिए विशेष माने हैं ये 9 दिन

 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुप्त नवरात्रि मां भगवती का प्रसन्न करने का शुभ अवसर माना जाता है। माघ नवरात्र गुप्त नवरात्रि के नाम से भी जाने जाते हैं। यह गुप्त साधना के रूप में ज्यादा जानी जाती है। तांत्रिक, साधु इन दिनों माता को प्रसन्न करने के लिए गुप्त पूजन करते हैं। इस वजह से भी इसे गुप्त नवरात्र कहा जाता है। इस नवरात्र में माता के विभिन्न रूपों का रात्रि पूजन महत्व है। इस वर्ष यह 18 जनवरी 2018 बुधवार से प्रारंभ होकर 25-26 जनवरी तक मनायी जाएगी। 


यहां होती है विशेष पूजा
उत्तरी भारत हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड के आस पास के प्रदेशों में गुप्त नवरात्रि में मां भगवती की पूजा का विशेष महत्व है। सभी नौ रूपों को अलग-अलग दिन अलग-अलग विधि से पूजा जाता है।  गुप्त नवरात्रि का पूजन साधारण भक्तों के लिए संभव नही बताया जाता। यह तंत्र साधना के लिए अति विशेष मानी जाती है, जिसमें तंत्र सिखने वाले भक्त गण अपनी पूजा से मां भगवती को प्रसन्न करते हैं। 


 

गुप्त नवरात्र में पूजा विधि

इसकी शुरूआत पहले दिन घट स्थापना से होती है। इस काल में विशेष रूप से रात्रि में पूजन किया जाता है। तांत्रिक शक्तियों को जाग्रत करने की कामना से भी रात्रि पूजन का महत्व है। नौ दिनों तक मां शक्ति की विधि-विधान से पूजा के बाद अष्टमी व नवमीं के दिन कन्या भोज करना चाहिए। अनेक देवी मंदिरों में भी साधक गुप्त आराधना करते हैं। इससे मां भगवती प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।  

 

मां भगवती के 9 रूप

गुप्त नवरात्रि की 9 प्रमुख देवियां है मां काली, मां त्रिपुर सुंदरी, मां तारा, मां भुवनेश्वरी, मां छिन्नमस्ता, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी तथा मांकमला देवी। साधक गुप्त नवरात्रि में  मां के इन रूपों की कठिन साधना करते हैं। प्रत्येक रूप का अलग महत्व एवं भिन्न फलों काे प्रदान करने वाला बताया गया है।

 

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