व्रत: इस दिन मनाई जाएगी षटतिला एकादशी, जानें इस व्रत का महत्व और पूजन विधि

  • इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है
  • भगवान विष्णु को तिल का भोग लगाया जाता है
  • विष्णु जी की आराधना से पापों से मुक्ति मिलती है

Manmohan Prajapati
Update: 2024-02-02 09:12 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हर वर्ष माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस साल यह व्रत 6 फरवरी 2024 को है। इस दिन भगवान श्रीहरि यानि कि विष्णु जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि, जो व्यक्ति इस दिन पूरे मन से पूजा-अर्चना करता है उसे पापों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा इस एकादशी पर भगवान विष्णु को तिल का भोग लगाए जाने का विधान है। षटतिला एकादशी के दिन तिल का दान करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

पद्म पुराण के अनुसार इस दिन उपवास करके तिल से स्नान करना चाहिए। तिल का प्रयोग स्नान से लेकर दान और पूजन तक में उपयोगी बताया गया है। तो चलिए जानते हैं कि षटतिला एकादशी की पूजा का मुहूर्त और पारण का समय...

षटतिला एकादशी मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारंभ: 5 फरवरी 2024, सोमवार शाम 05 बजकर 24 मिनट से

एकादशी तिथि समाप्त: 06 फरवरी 2024, मंगलवार शाम 04 बजकर 07 मिनट तक

पूजा का मुहूर्त: सुबह 09 बजकर 51 मिनट से दोपहर 01 बजकर 57 मिनट तक

पारण का समय: 7 फरवरी 2024, बुधवार सुबह 07.06 मिनट से सुबह 09.18 मिनट तक

पूजा की विधि

- सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर साफ कपड़ें पहनें और सूर्य को अर्ध्य दें और व्रत का संकल्प लें।

- भगवान विष्णु का गंध, फूल, धूप दीप, पान सहित विष्णु भगवान की षोडशोपचार से पूजन करें।

- श्रीहरि को उड़द और तिल मिश्रित खिचड़ी बनाकर भोग लगाएं।

- रात को तिल से 108 बार ''ॐ नमो भगवते वासुदेवाय स्वाहा'' मंत्र से हवन करें।

- रात को भगवान के भजन करें, अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाएं।

- इस दिन ब्राम्हण की पूजा कर उसे घड़ा, छाता, तिल से भरा बर्तन, जूते, वस्त्र इत्यादि का दान आप अपने सामर्थ्य अनुसार देना चाहिए।

- तिल को भोजन व पानी में मिलाकर ग्रहण करें। गरीबों को भोजन कराएं और तिल का दान करें।

- इस दान से आपके व आपके पूर्वजों को सभी दोषों व पापों का नाश होता है।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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