जवाहर नवोदय विद्यालय के टॉपर्स के लिए खुले आईआईटी के द्वार

नई दिल्ली जवाहर नवोदय विद्यालय के टॉपर्स के लिए खुले आईआईटी के द्वार

IANS News
Update: 2022-11-17 16:30 GMT
जवाहर नवोदय विद्यालय के टॉपर्स के लिए खुले आईआईटी के द्वार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विज्ञान में छात्रों की जिज्ञासा और रचनात्मकता को बढ़ाने के लिए आईआईटी गांधीनगर कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूली छात्रों को प्रेरित कर रहा है। अगले कुछ दिनों तक देश के अलग-अलग हिस्सों से आए स्कूली छात्र आईआईटी परिसर के अंदर विज्ञान के प्रयोग, विश्व स्तरीय प्रयोगशालाओं का दौरा करेंगे। आईआईटी में प्रख्यात संकाय और वैज्ञानिकों के साथ बातचीत, रोबोटिक्स का प्रदर्शन, दूरबीन के साथ रात में आकाश देखने, साइंस सिटी की यात्रा जैसी कई रोचक गतिविधियों का हिस्सा बनेंगे।

यह उन्हें आईआईटी में रोमांचक छात्र जीवन का हिस्सा बनने का अवसर भी देगा। इन राज्यों से आने वाले छात्रों को बकायदा आईआईटी परिसर में वैज्ञानिकों से रूबरू होने के लिए एक मंच प्रदान किया गया है। आईआईटी गांधीनगर 16 से 20 नवंबर तक नवोदय विद्यालय समिति के 73 जवाहर नवोदय विद्यालयों की पांच-दिवसीय क्षेत्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की मेजबानी कर रहा है। महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, और दीव, दमन और दादर नगर हवेली के 73 जिलों की 73 छात्राएं और 73 छात्र इसका हिस्सा हैं।

इस आयोजन का उद्देश्य इन छात्रों को स्कूल की सीमाओं से परे जाने का अवसर प्रदान करना, उनकी प्रयोगात्मक, महत्वपूर्ण सोच और समस्या को सुलझाने के कौशल को विकसित करना है। साथ ही इसका उद्देश्य छात्रों को विज्ञान में अपनी जिज्ञासा और रचनात्मकता को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करना है। इनमें से प्रत्येक जवाहर नवोदय विद्यालय से एक टॉपर छात्रा और एक टॉपर छात्र सहित हाई स्कूल के कुल 146 छात्र आईआईटी द्वारा शुरू की गई इस नई पहल के लिए चुने गए हैं। जवाहर नवोदय विद्यालय के लगभग 40 अधिकारी, शिक्षक, और सहायक कर्मचारी के साथ वह आवासीय कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।

आईआईटी परिसर में सभी प्रतिभाशाली युवा छात्रों को प्रोफेसर रजत मूना ने बताया कि कैसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी आपस में जुड़े हुए हैं। विज्ञान हमारे चारों ओर कैसे फैला हुआ है। उन्होंने कहा, जब आप विज्ञान को सीखते और समझते हैं, तो वह इस बारे में अधिक उत्सुकता पैदा करता है कि इसे अगले स्तर तक कैसे ले जाया जाए। चीजों की अधिक सूक्ष्म समझ के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सिद्धांत पिछले कुछ वर्षों में बहुत विकसित हुए हैं।

भगवद गीता के एक संदेश का हवाला देते हुए, उन्होंने छात्रों को परिणामों पर ध्यान केंद्रित किए बिना अपने लक्ष्यों का पीछा करने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा, यदि आप समर्पण के साथ अच्छा काम करते हैं, अपने जुनून और रुचि से प्रेरित होकर, परिणामों की उम्मीद किए बिना, तो आप निश्चित रूप से आप जीवन में सफलता प्राप्त करेंगे। मुझे उम्मीद है कि आप यहां से नई चीजें सीखेंगे और और भी जानने के लिए वापस आएंगे।

जवाहर नवोदय विद्यालय परभणी, महाराष्ट्र की एक छात्रा कुसुम वाघमारे ने आईआईटी परिसर में आने के अपने उत्साह को साझा करते हुए कहा, आईआईटी में आकर बहुत अच्छा और गर्व महसूस हो रहा है। मुझे लगता है कि हम अभी से ही जूनियर वैज्ञानिक बन चुके हैं और अब मैं आईआईटीयन बनना चाहती हूं। इस कार्यक्रम ने मुझे बहुत प्रेरित किया है, और मैं और अधिक सीखने के लिए उत्सुक हूं।

(आईएएनएस)

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