मध्यप्रदेश: शिवराज सरकार को शिक्षण संस्थानों का अल्टीमेटम, 5 दिन में स्कूल-कॉलेज खोलें, नहीं तो 14 को घेरेंगे CM बंगला

मध्यप्रदेश: शिवराज सरकार को शिक्षण संस्थानों का अल्टीमेटम, 5 दिन में स्कूल-कॉलेज खोलें, नहीं तो 14 को घेरेंगे CM बंगला

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-09 18:55 GMT
मध्यप्रदेश: शिवराज सरकार को शिक्षण संस्थानों का अल्टीमेटम, 5 दिन में स्कूल-कॉलेज खोलें, नहीं तो 14 को घेरेंगे CM बंगला

डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोरोना वायरस महामारी के कारण मध्यप्रदेश में बंद पड़े प्राइवेट स्कूलों के संचालकों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन का ऐलान कर दिया है। संचालकों ने शिवराज सरकार को पांच दिन का अल्टीमेटम दिया है, जिसके तहत यदि स्कूलों को खोलने की अनुमति नहीं दी गई तो वे ऑनलाइन क्लासेस बंद कर देंगे। इसके साथ ही 14 दिसंबर को मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने की चेतावनी भी दी है। 

स्कूल संचालकों का कहना है कि राज्य में शैक्षणिक संस्थान से जुड़े 30 लाख परिवारों की जीविका चलती है। जब मॉल, मंदिर, पिकनिक स्पॉट, बाजार, दुकानें और सिनेमाघर सब खुल रहे हैं, तो सिर्फ स्कूल में कोरोना का डर कैसा? शासन अपनी मंशा साफ करे, क्योंकि यह बच्चों के साथ ही कई परिवारों के भविष्य का भी सवाल है। प्रदेश में 74 हजार से अधिक प्राइवेट स्कूल हैं। ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ावा देने के चक्कर में शासन बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। अगर सरकार फिर भी नहीं मानती है, तो 15 दिसंबर को प्रदेश में प्राइवेट शैक्षणिक संस्थान ऑनलाइन क्लास बंद कर देंगे।

इन संस्थानों ने दी चेतावनी
यह चेतावनी भोपाल में बुधवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल, सोसायटी फॉर प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर मध्य प्रदेश, एसोसिएशन ऑफ टेक्निकल एंड प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट एमपी, संस्था संगठन बैरागढ़ भोपाल, जबलपुर अन-एडिड स्कूल एसोसिएशन, इंडिपेंडेंट स्कूल एयलाइंस इंदौर, ग्वालियर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन समिति, सहोदय ग्रुप ऑफ सीबीएसई स्कूल भोपाल, ग्वालियर सहोदय ग्रुप ने दी है।

मामले में स्कूल शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में किसी भी कक्षा में जनरल प्रमोशन नहीं दिया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा मंडल से संबद्ध अशासकीय विद्यालयों को मान्यता के लिए आवेदन के समय मान्यता शुल्क जमा करने की बाध्यता नहीं रहेगी। वे अगले सत्र 2020-21 के अंत तक शुल्क जमा कर सकेंगे। स्कूल संचालकों ने बताया पहली से बारहवीं तक के बच्चों की ट्यूशन फीस पालकों द्वारा जमा नहीं कराई जा रही है, जिससे शिक्षकों के वेतन और स्कूल के संचालन में समस्या आ रही है।

सरकार से प्रमुख मांगें
स्कूल से जुड़े स्टाफ के वेतन का मामला, या तो सरकार जिम्मेदारी उठा ले, या हमें बिना ब्याज 2 करोड़ रुपए तक का लोन दे, ताकि वेतन आदि चुकाया जा सके। 
जब स्कूल नहीं लग रहे हैं, तो बिजली, पानी और अन्य करों में रियायत दी जाए, ताकि खर्चे को कम किया जा सके।

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