मंगलवार को एकेडमिक काउंसिल की बैठक, दिल्ली यूनिवर्सिटी में दो नए कॉलेज खोलने का प्रस्ताव

Delhi University मंगलवार को एकेडमिक काउंसिल की बैठक, दिल्ली यूनिवर्सिटी में दो नए कॉलेज खोलने का प्रस्ताव

IANS News
Update: 2021-08-23 10:30 GMT
मंगलवार को एकेडमिक काउंसिल की बैठक, दिल्ली यूनिवर्सिटी में दो नए कॉलेज खोलने का प्रस्ताव
हाईलाइट
  • डीयू: मंगलवार को एकेडेमिक काउंसिल की मीटिंग
  • दो नए कॉलेज खोलने का प्रस्ताव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय में मंगलवार 24 अगस्त को एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग होने जा रही है। बैठक में दिल्ली विश्वविद्यालय के दो नए कॉलेज खोले जाने संबंधी प्रस्ताव पारित किया जा सकता है। इस बीच दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति व काउंसिल के चेयरमैन प्रोफेसर पीसी जोशी से सावित्रीबाई फुले के नाम से कॉलेज खोलने की मांग की गई है।

दिल्ली विश्वविद्यालय में दो और कॉलेज खोलने की योजना है। दिल्ली विश्वविद्यालय में मंगलवार को हो रही एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में आप समर्थित दोनों एकेडेमिक काउंसिल सदस्य डॉ आशा रानी और डॉ सुनील कुमार शून्यकाल के दौरान माता सावित्रीबाई फुले व जननायक चौधरी ब्रह्मप्रकाश के नाम पर कॉलेज खोले जाने की मांग उठाएंगे।

एकेडमिक काउंसिल के यह दोनों सदस्य नई शिक्षा नीति को बिना शिक्षकों के बहस के लागू करने संबंधी सवाल उठाएंगे। उनका कहना है कि चार वर्षीय पाठ्यक्रम लागू करने से पहले शिक्षकों के बीच वर्कशॉप ,सेमिनार व कॉलेज शिक्षकों से राय ली जानी चाहिए थीं, छात्रों से भी किसी तरह की कोई राय नहीं ली गई।

शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए ) का कहना है कि भारत की पहली महिला शिक्षिका , समाज सेविका, क्रांतिज्योति माता सावित्रीबाई फुले के नाम से दिल्ली देहात के फतेहपुरबेरी में और दिल्ली देहात के नजफगढ़ ( रोशनपुरा ) में दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री जननायक ,विकास पुरूष चौधरी ब्रह्मप्रकाश के नाम पर कॉलेज खोला जाए।

डीटीए के अध्यक्ष डॉ हंसराज सुमन ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय और दिल्ली सरकार में वर्तमान में एक भी पिछड़ी जाति की किसी भी महिला के नाम पर कोई कॉलेज या शिक्षण संस्थान नहीं है। माता सावित्रीबाई फुले के नाम से यदि कॉलेज खुलता है तो पूरे देश में एक अच्छा संदेश जाएगा। दिल्ली देहात में लड़कियों के लिए कॉलेज खुलने से ग्रामीण छात्राओं में शिक्षा का प्रचार- प्रसार होगा और वे आत्मनिर्भर बन अपने पैरों पर खड़ी हो सकेंगी।

वहीं डीटीए के मुताबिक चौधरी ब्रह्मप्रकाश दिल्ली के लोकप्रिय नेता थे जिनका आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वह केवल दिल्ली देहात के ही नहीं बल्कि दलित, पिछड़ी जाति की आवाज थे उनके नेतृत्व में ग्रामीण क्षेत्र में सर्वाधिक तरक्की की। उन्हें दिल्ली के लोग विकास पुरूष के नाम से जानते है। उनके नाम पर सह शिक्षा महाविद्यालय खोलने से देहात के छात्र-छात्राओं में शिक्षा का प्रचार प्रसार होगा। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने पिछले साल 12 मार्च 2020 को जारी अधिसूचना में महिलाओं के लिए नया कॉलेज खोलने के लिए नाम मांगा गया था। तब सावित्रीबाई फुले के नाम कॉलेज खोले जाने का प्रस्ताव भेजा गया था ।

(आईएएनएस)

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