आईआईटी और एनआईटी से पढ़े शिक्षकों का केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन, स्थाई नियुक्ति की कर रहे मांग

राजधानी दिल्ली में आईआईटी और एनआईटी से पढ़े शिक्षकों का केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन, स्थाई नियुक्ति की कर रहे मांग

IANS News
Update: 2021-09-17 08:31 GMT
आईआईटी और एनआईटी से पढ़े शिक्षकों का केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन, स्थाई नियुक्ति की कर रहे मांग
हाईलाइट
  • तकनीकी शिक्षा से जुड़े शिक्षक कर रहे हैं स्थाई नियुक्ति की मांग
  • आईआईटी और एनआईटी से की है पढाई

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के बाहर सैकड़ों शिक्षक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह शिक्षक देश की विभिन्न आईआईटी और एनआईटी से पढाई कर चुके हैं। तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम (टेकिप) के तहत देश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में कार्यरत यह शिक्षक स्थाई नियुक्ति की मांग को लेकर यहां प्रदर्शन कर रहे हैं।

तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार (टेकिप) कार्यक्रम के मौजूदा चरण की शुरूआत वर्ष 2017 हुई थी। इसके अंतर्गत 12 राज्यों के विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों में लगभग 12 सौ अस्थायी सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति की गई थी। यह टेकिप योजना पिछड़े राज्यों और विशेष श्रेणी के राज्यों में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए शुरू की गई थी।

इस योजना के अंतर्गत नियुक्त किए गए सभी सहायक प्रोफेसर देश की अलग अलग आईआईटी और एनआईटी से शिक्षा हासिल कर चुके हैं। प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों के मुताबिक अब उनमें से अधिकांश शिक्षकों का कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में यह शिक्षक सरकार से स्थाई नियुक्ति का आश्वासन चाहते हैं।

वहीं केंद्र सरकार कोविड काल में दो बार 6-6 महीने के लिए इनके कार्यकाल को बढ़ा चुकी है। एनआईटी कुरुक्षेत्र से पीएचडी करने वाले दीपक एफईटी एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं। उन्हें पीएचडी के लिए केंद्र सरकार से आर्थिक मिल रही है। दीपक ने कहा कि अगर अब हमें हटा दिया गया तो हमारी पीएचडी के तीन साल व्यर्थ हो जाएंगे।

कुछ ऐसा ही आईआईटी से पढ़ाई कर चुके शैलेश का कहना है। उन्हें कहा गया था कि 3 वर्ष बाद राज्य सरकारों द्वारा उनकी नियुक्ति स्थाई की जाएगी, एवं उन्हें नियमित वेतन मिलता रहेगा। लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है। इसीलिए वह अपनी मांगों को लेकर नई दिल्ली में एकजुट हुए हैं। शैलेंद्र बताते हैं, अभी तक किसी भी राज्य सरकार ने इस परियोजना के अंतर्गत कोई नियुक्ति नहीं की है। केंद्र सरकार द्वारा दूसरी बार बढ़ाई गई 6 महीने की अवधि भी 30 सितंबर को समाप्त हो रही है। इसके बाद इन तमाम शिक्षकों के पास कोई रोजगार नहीं रह जाएगा। इस परियोजना के अंतर्गत विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों से पढ़ाई कर चुके छात्रों को कश्मीर से लेकर छत्तीसगढ़ तक विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी शिक्षा को मजबूत करने के लिए नियुक्त किया गया है।

पहली बार साल 2009 में तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम (टेकिप) की शुरूआत हुई थी। इस बार तीन साल की यह परियोजना साल 2017 में शुरू हुई। परियोजना का कार्यकाल 1 साल बढ़ा दिया गया था जिसके चलते यह प्रोज परियोजना अब 31 सितंबर 2021 को समाप्त होने जा रही है। देश के विभिन्न हिस्सों से आए तकनीकी शिक्षा से जुड़े इन शिक्षकों का कहना है कि अब केंद्र सरकार को विभिन्न राज्य सरकारों से बात करके इनकी स्थाई नियुक्ति के लिए कदम बढ़ाए।

(आईएएनएस)

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