किशोर कुमार के 10 दिलचस्प किस्से

किशोर कुमार के 10 दिलचस्प किस्से

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-04 08:30 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई । किशोर कुमार फिल्मी जगत की एक ऐसी धरोहर हैं जिन्हें शायद फिर संवारने में कुदरत को भी कई सदियां बीत जाएंगी। उनकी जादुई आवाज आज भी लोगों के सिर चढ़कर बोलती है। पुरानी के साथ-साथ नई पीढ़ी भी उनकी आवाज की दीवानी है। किशोर जितने उम्दा कलाकार थे, उतने ही रोचक इंसान भी। वे कब क्या कर बैठें, यह कोई नहीं जानता था। उनके कई किस्से बॉलीवुड में प्रचलित हैं। उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनकी कुछ दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं।

4 अगस्त को मध्य प्रदेश में जन्मे किशोर कुमार का बचपन का नाम आभास कुमार गांगुली था, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में उन्होंने किशोर कुमार के नाम से अपनी पहचान बनाई ।

बचपन में बेसुरे थे किशोर कुमार

किशोर का बचपन से एक ही सपना था कि वो अपने बड़े भाई अशोक कुमार से ज्यादा पैसे कमाए और केएल सहगल जैसा गाना गाएं, लेकिन किशोर बचपन में बेहद बेसुरे थे , हालांकि सचिन-दा ने बाद में किशोर कुमार को जीनियस गायक बना दिया।

रशोकि रमाकु

अटपटी बातों को अपने चटपटे अंदाज में कहना किशोर कुमार का फितूर था। खासकर गीतों की पंक्ति को दाएँ से बाएँ करने में, उन्होंने महारत हासिल कर ली थी। नाम पूछने पर कहते थे- रशोकि रमाकु। यानि कि किशोर कुमार ।

तीन नायकों को बनाया महानायक

किशोर कुमार ने हिन्दी सिनेमा के तीन नायकों को महानायक का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। उनकी आवाज के जादू से देवआनंद सदाबहार हीरो कहलाए। राजेश खन्ना को सुपर सितारा कहा जाने लगा और अमिताभ बच्चन महानायक हो गए।

रफी से आवाज उधार ली
मोहम्मद रफी ने पहली बार किशोर कुमार को अपनी आवाज फिल्म "रागिनी" में उधार दी। गीत हैं- "मन मोरा बावरा।" इसके अलावा भी रफी ने किशोर के लिए कई गीत गाए।

मेहमूद से लिया बदला
फिल्म "प्यार किए जा" में कॉमेडियन मेहमूद ने किशोर कुमार, शशि कपूर और ओमप्रकाश से ज्यादा पैसे वसूले थे। किशोर को यह बात अखर गई। इसका बदला उन्होंने मेहमूद से लिया फिल्म "पड़ोसन" में डबल पैसा लेकर ।

"खंडवे वाले" किशोर की राम-राम
किशोर कुमार जब-जब स्टेज-शो करते, हमेशा हाथ जोड़कर सबसे पहले खंडवे वाले किशोर कुमार का राम-राम संबोधन करके किया करते थे ।

हरफनमौला : गीतों का झोला
किशोर कुमार का बचपन तो खंडवा में बीता, लेकिन कॉलेज की पढ़ाई की, इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज से । हर सोमवार सुबह खंडवा से रेलगाड़ी में इंदौर आते और शनिवार शाम लौट जाते। सफर में वे हर स्टेशन पर डिब्बा बदल लेते और मुसाफिरों को नए-नए गाने सुनाकर उनका खूब मनोरंजन किया करते थे।

आकाशवाणी पर हो गये थे बैन
उन्होंने इंडस्ट्री को एक से बढ़कर एक हिट गाने दिए, लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया,  जब उनके गानों को बैन कर दिया गया। साल 1975 में इंदिरा गांधी सरकार के आपात का शिकार किशोर कुमार भी हुए थे। आपातकाल के दौरान सरकार चाहती थी कि सरकारी योजनाओं की जानकारी किशोर कुमार अपनी आवाज में गाकर दें, लेकिन किशोर दा ने मना कर दिया । जिसके बाद किशोर के गानों को ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर बैन कर दिया गया । ये बैन 3 मई 1976 से लेकर आपातकाल खत्म होने तक जारी रहा।

चार शादियां करने बाद भी किशोर कुमार को नहीं मिला सच्चा प्यार
गायकी की दुनिया में करियर को संवारने वाले किशोर अपनी जिंदगी नहीं संवार पाए। किशोर दा ने चार शादियां की, लेकिन उन्हें अपनी तीन शादियों से निराशा ही हाथ लगी। 

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