Football: माराडोना की अटॉप्सी रिपोर्ट आई सामने, शराब या नशीले पदार्थों के सेवन के कोई संकेत नहीं

Football: माराडोना की अटॉप्सी रिपोर्ट आई सामने, शराब या नशीले पदार्थों के सेवन के कोई संकेत नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-23 16:32 GMT
Football: माराडोना की अटॉप्सी रिपोर्ट आई सामने, शराब या नशीले पदार्थों के सेवन के कोई संकेत नहीं
हाईलाइट
  • अटॉप्सी में शराब या नशीले पदार्थों के सेवन के कोई संकेत नहीं
  • माराडोना लिवर
  • किडनी और हृदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अर्जेंटीना फुटबॉल के दिग्गज डिएगो माराडोना लिवर, किडनी और हृदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे, लेकिन उनकी अटॉप्सी में शराब या नशीले पदार्थों के सेवन के कोई संकेत नहीं है। राजधानी ब्यूनस आयर्स के एक नॉर्दन सबर्ब, सैन इसिड्रो में पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने मंगलवार देर रात माराडोना की अटॉप्सी के परिणाम पब्लिश किए। जांच के एक हिस्से के रूप में इसके आदेश दिए गए थे। इसका मकसद यह पता करना था कि उनको जो हेल्थ केयर दी गई थी उसमें किसी तरह की कोई लापरवाही तो नहीं बरती गई। बता दें कि माराडोना का 25 नवंबर को 60 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। माराडोना की मौत के बाद की गई पहली अटॉप्सी में पाया गया था कि उनके दिल का वजन सामान्य से दोगुना हो गया था।

अपने जीवन के अंतिम दिनों में वह सिरोसिस, हृदय रोग और किडनी फेलियर सहित कई बीमारियों से पीड़ित थे। टॉक्सीकोलॉजी एनालिसिस से पता चला कि उनके रक्त या मूत्र में कोई शराब या नशीले पदार्थ नहीं थे। लेकिन माराडोना अल्सर समेत अन्य बीमारियों के लिए एंटी डिप्रेसेंट्स, एंटी साइकोटिक ड्रग और दूसरे मेडिकेशन ले रहे थे। माराडोना ने अपने जीवन के दौरान कोकेन और शराब के एडिक्शन से लड़ाई की थी। जांचकर्ताओं में से एक तेलम प्रेस एजेंसी ने बताया, "प्रयोगशाला विश्लेषण से जो निकला है वह उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना कि यह पुष्टि करता है कि माराडोना को साइकोट्रॉपिक दवाएं दी गई थीं, लेकिन हृदय रोग की कोई दवा नहीं थी।" मनोचिकित्सक अगस्टिना कोसाचोव और हार्ट सर्जन लियोपोल्डो ल्यूक अंडर इन्वेस्टिगेशन है क्योंकि माराडोना का इलाज ये दोनों ही कर रहे थे।

मैराडोना का करियर
अर्जेंटीना से खेलते हुए मैराडोना ने इंटरनेशनल करियर में 91 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 34 गोल किए। उन्होंने 4 FIFA वर्ल्ड कप टूर्नामेंटों खेला, जिसमें 1986 का विश्व कप शामिल था। 1986 वर्ल्ड कप में वे अर्जेंटीना के कैप्टन भी थे। वे टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किए गए थे। उन्हें गोल्डन बॉल अवॉर्ड जीता था। मैराडोना को फीफा प्लेयर ऑफ द सेंचुरी से भी नवाजा जा चुका है। उन्होंने एक बार वर्ल्ड कप गोल्डन बॉल, एक बार बेलोन डी ओर, 2 बार साउथ अमेरिकन फुटबॉलर ऑफ द ईयर, 6 बार नेशनल लीग टॉप स्कोरर अवॉर्ड जीता है। साल 2018 में डिएगो माराडोना के 58वें जन्मदिन का जश्न मनाते हुए उनकी पहली कांसे की प्रतिमा का अनावरण किया गया था।

माराडोना ड्रग्स और अल्कोहल की लत के शिकार थे
बता दें कि माराडोना ड्रग्स और अल्कोहल की लत के भी शिकार थे। माराडोना ने 1980 के दशक के मध्य में कोकीन लेना शुरू किया था। उन्हें अगले दो दशकों में ड्रग्स और अल्कोहल की लत लग गई। 1982 में उन्होंने नशीली दवाओं का उपयोग करना शुरू किया और 1984 में स्थिति और भी खराब हो गई जब वे नेपोली चले गए और कॉमर्रा के साथ उनके कनेक्शन थे। 2014 में, माराडोना ने अपने ड्रग उपयोग के बारे में कहा: "मैंने अपने विरोधियों को एक बड़ा फायदा दिया। क्या आप जानते हैं कि अगर मैं ड्रग्स नहीं लेता तो मैं कैसा खिलाड़ी हो सकता था?" उन्हें पहली बार 1991 में कोकीन का टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद 15 महीने के लिए प्रतिबंधित किया गया था। इसी साल उन्हें ब्यूनस एयर्स में आधा किलो कोकीन रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और उन्हें 14 महीने के निलंबन की सजा दी गई।

1994 में माराडोना एक बार फिर सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने अर्जेंटीना की नेशनल टीम के लिए खेलते हुए ग्रीस के खिलाफ एक गोल दागा था और कैमरे के लेंस के बिल्कुल करीब जाकर इसका जश्न मनाया था। हालांकि एक प्रतिबंधित पदार्थ एफेड्रिन के पांच वेरिएंट के पॉजिटिव टेस्ट के बाद उनपर 15 महीने का प्रतिबंध लगा दिया जिसने उनके इंटरनेशनल करियर को खत्म कर दिया। 1995 में, वह बोका जूनियर्स में चले गए लेकिन दो साल बाद वह छह साल में तीसरी बार ड्रग्स टेस्ट में फेल रहे, जिससे उनके प्लेइंग करियर को खत्म किया। 1996 में, माराडोना ने सार्वजनिक रूप से कहा: "मैं था, हूं और हमेशा एक ड्रग एडिक्ट रहूंगा।"

2000 में माराडोना को ओवरडोज का सामना करना पड़ा। उन्होंने इतनी ज्यादा कोकीन ले ली थी कि उनका हार्ट फेल हो सकता था और उनकी जान जा सकती थी। इसके बाद कई साल तक रिहैबिलिटेशन में रहे थे। 2004 में उन्हें दिल का दौरा पड़ा। एक साल बाद, उन्हें गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी कराना पड़ी। 2007 में हेपेटाइटिस से पीड़ित होने के बाद फिर उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। इसके बाद उन्होंने ड्रग्स लेना बंद कर दिया। 2017 में उन्होंने एक पत्रकार को बताया था कि उन्होंने 13 साल से ड्रग्स नहीं लिया था और बहुत अच्छा महसूस कर रहे हैं। हालांकि 2004 से वह शराब का सेवन कर रहे थे। 2018 में अर्जेंटीना के कई मैचों में उन्होंने अपनी विचित्र हरकतों के लिए काफी सुर्खियां बटोरी। 

Tags:    

Similar News