Apple ने 1 करोड़ से अधिक iPhone बैटरियां की रिप्लेस, हुआ करोड़ों का नुकसान

Apple ने 1 करोड़ से अधिक iPhone बैटरियां की रिप्लेस, हुआ करोड़ों का नुकसान

Manmohan Prajapati
Update: 2019-01-16 09:54 GMT
Apple ने 1 करोड़ से अधिक iPhone बैटरियां की रिप्लेस, हुआ करोड़ों का नुकसान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। टेक्नोलॉजी दिग्गज कंपनी Apple ने 1 करोड़ 11 लाख iPhone की बैटरियों को रिप्लेस किया है। इन बैटरियों को कंपनी ने अपने बैटरी रिप्लेसमेंट प्रोग्राम के तहत रिप्लेस किया है। हालांकि रिप्लेसमेंट की संख्या कंपनी के अनुमान से काफी अधिक है। Apple को करीब से मॉनिटर करने वाले ब्लॉगर जॉन ग्रूबर का कहना है कि रिप्लेसमेंट प्रोग्राम के तहत कंपनी का अनुमान 10 से 20 लाख बैटरी रिप्लेस करने का था, लेकिन यह Apple के अंदाजे से कहीं ज्यादा निकला। 

यूजर्स को मौका
Apple के CEO टिम कुक ने एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में बैटरी रिप्लेस के इन आंकड़ो के बारे में बताया। जिसके अनुसार Apple ने अपने बैटरी रिप्लेसमेंट प्रोग्राम की शुरुआत पिछले साल जनवरी में की थी, जो कि 31 दिसंबर 2018 तक जारी रहा। इस प्रोग्राम के तहत iPhone 6 और उसके बाद आए आईफोन्स की बैटरियों को रिप्लेस किया जाना था। इस स्कीम के तहत ऐपल अपने यूजर्स को बेहद कम कीमत में आईफोन की बैटरी को रिप्लेस करने का मौका दे रही थी। 

ऐसे हुआ नुकसान
बैटरी रिप्लेसमेंट प्रोग्राम के तहत iPhone यूजर को 29 डॉलर में बैटरी रिप्लेस करवाने का मौका दिया गया था। इस प्रोग्राम से जुड़ने वाले यूजर्स ने 1,000 डॉलर (करीब 70 हजार रुपए) का नया आईफोन खरीदने की जगह अपने पुराने iPhone की ही बैटरी को बदलवा लिया। जिसके कारण Apple को 11 बिलियन डॉलर (करीब 77 हजार करोड़ रुपए) का नुकसान उठाना पड़ा। हालांकि कहा जा रहा है कि जिन 1 करोड़ 10 लाख (11 मिलियन) यूजर्स ने अपने पुराने iPhone की बैटरी को 29 डॉलर में रिप्लेस करवाया। इससे कंपनी को बैटरी 319 मिलियन डॉलर (करीब 22.66 अरब रुपए) का लाभ भी हुआ।

प्रोग्राम की शुरुआत
इस प्रोग्राम की शुरुआत दो साल पहले हुई, जब Apple पर iPhone की बिक्री बढ़ाने के लिए कंपनी पर पुरानी बैटरी वाले आइफोन्स की स्पीड को कम करने का आरोप लगा था। सॉफ्टवेयर अपडेशन के जरिए पुराने फोन को स्लो करने के आरोप में इटली की कंज्यूमर अथॉरिटी ने Apple पर 10 मिलियन यूरो (83.46 करोड़ रुपए) का जुर्माना भी लगाया गया है।

कंपनी का कहना
हालांकि आरोपों पर कंपनी का कहना था कि पुराने मॉडल की लाइफ बढ़ाने के लिए कंपनी ऐसा करती है। एपल का कहना था कि, सॉफ्टवेयर अपडेशन के जरिए यूजर्स को बेहतर एक्सपीरियंस दिया जाता है। ऐपल का कहना था कि पुरानी बैटरी के कारण आईफोन्स के बिना वॉर्निंग दिए ऑफ होने की संभावना काफी बढ़ गई थी। ऐपल ने बताया कि बैटरी रिप्लेस प्रोग्राम के बाद से सभी पुराने आईफोन्स फिर से अपनी पूरी कपैसिटी से काम करना शुरू कर चुके हैं। 

    

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