हमास-इजरायल युद्ध: गाजा में सुनक सरकार उतार सकती है ब्रिटेन की सेना, पीएम नेतन्याहू की मुश्किलें बढ़ी!

  • गाजा में ब्रिटेन की सेना तैनात हो सकती है- मीडिया रिपोट्स
  • ऋषि सुनक बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में
  • गाजा में लगातार मारे जा रहे हैं फिलिस्तीनी नागरिक

Dablu Kumar
Update: 2024-04-28 11:27 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हमास और इजरायल के बीच खूनी संघर्ष जारी है। गाजा पट्टी में इजरायली सेना लगातार हमास के खिलाफ हमले कर रही है। जिसमें बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा रहे हैं। इस बीच शनिवार को बेंजामिन नेतन्याहू की सेना ने मध्य और दक्षिण गाजा शहर में शरणार्थी शिविर पर बमबारी की। जिसमें कई मासूस बच्चों सहित 22 फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई। गाजा में लगातार फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा रहे हैं। जिससे लेकर अमेरिका, ब्रिटेन और यूएन समेत कई अंतरराष्ट्रीय संगठन ने चिंता जाहिर की है। ऐसे में अब खबर सामने आ रही है कि ब्रिटेन की ऋषि सुनक सरकार गाजा में अपनी सेना को तैनात कर सकती है। ताकि नेतन्याहू के खौफनाक इरादों को रोका जा सके। अगर ऐसा हुआ तो नेतन्याहू गाजा पट्टी में अपनी मनमर्जी नहीं चला पाएगा। 

ब्रिटेन गाजा पट्टी में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए अपनी सेना को भेज सकता है। स्काई न्यूज ने इस बात की पुष्टि सरकारी सूत्रों के हवाले से की है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सरकार ने अभी तक इस मुद्दे पर अंतिम फैसला नहीं लिया है। लेकिन गाजा में ब्रिटेन की सेना को तैनात करने की चर्चा जोरों-शोरों पर है। ब्रिटेन की नौसेना ने कहा कि उसने गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए एक आरएफए कार्डिगन खाड़ी में जहाज भेजा है।

जानें पूरा मामला

गौरतलब है कि पिछले साल 7 अक्टूबर को चरमपंथी गुट हमास ने इजरायल के खिलाफ बड़े पैमाने पर रॉकेट से हमला किया है। साथ ही, हमास ने सीमा उल्लंघन भी किया था। इस दौरान हमास ने इजरायल में नागिरकों और सैन्य ठिकानों दोनों पर हमला किया। हमले के दौरान इजरायल में लगभग बारह सौ लोग मारे गए थे और आतंकियों ने इजरायल के 250 नागरिकों को भी अपहरण कर लिया था। इसके बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई की। तब से अब तक इजरायल गाजा पट्टी में हमास के कई आतंकियों को मौत की नींद सुला चुका है। हालांकि, इजरायल के इस हमले में फिलिस्तीन के कई नागरिकों की भी मौत हो गई। रिपोट्स के मुताबिक, अब तक इजरायल के हमले में 34,300 से अधिक नागरिकों की मौत हुई है। 

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