डोकलाम में फिर से बढ़ीं चीनी गतिविधियां, तस्वीरों से हुआ खुलासा, भूटान पहुंचे सेनाध्यक्ष

जारी हैं चीन की नापाक हरकतें डोकलाम में फिर से बढ़ीं चीनी गतिविधियां, तस्वीरों से हुआ खुलासा, भूटान पहुंचे सेनाध्यक्ष

Anchal Shridhar
Update: 2022-07-29 15:52 GMT
डोकलाम में फिर से बढ़ीं चीनी गतिविधियां, तस्वीरों से हुआ खुलासा, भूटान पहुंचे सेनाध्यक्ष

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के खिलाफ चीन हमेशा नई-नई चालें चलता रहता है ताकि भारत को घेरा जा सके। इस के लिए वो भारत के पड़ोसी देशों की जमीन का इस्तेमाल करने से भी गुरेज नहीं करता। ताजा मामला भारत और भूटान के बीच स्थित डोकलाम क्षेत्र का है। भारत-भूटान और चीन की सीमाओं से लगा यह इलाका हमेशा विवादों में रहा है। इसके विवादों में रहने की वजह चीन द्वारा घुसपैठ करना है।

दरअसल, डोकलाम क्षेत्र का इस्तेमाल चीन भारत के खिलाफ करना चाहता है। हाल ही में सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से पता चला है कि चीन इस क्षेत्र में अवैध रुप से घरों का निर्माण कर रहा है। इन तस्वीरों के सामने आने के बाद भारतीय थलसेना के चीफ जनरल मनोज पांडे भूटान के दौरे पर पहुंचे हैं। रणनीतिक तौर पर बेहद अहम माने जाने वाले डोकलाम क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधि और भारत-चीन के बीच सीमा विवाद के मद्देनजर जनरल मनोज पांडे का यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। 

यह यात्रा भारत और भूटान के आपसी रिश्तों को मजबूत करेगी 

भारतीय सेना ने जनरल मनोज पांडे की भूटान यात्रा को लेकर बयान जारी किया है। अपने बयान में सेना ने बताया कि, जनरल मनोज पांडे इस दौरे पर भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और भूटान के चौथे राजा जिग्मे सिंग्ये वांगचुक से मुलाकात करेंगे। सेना ने आगे कहा, "यह यात्रा दोनों देशों के शानदार और समय-समय पर खरे उतरने वाले द्विपक्षीय संबंधों को और आगे बढ़ाएगी, जिसमें अत्यधिक विश्वास, सद्भावना और आपसी समझ शामिल है।" इसके साथ ही आर्मी चीफ दोनों सेनाओं के बीच मजबूत सांस्कृतिक और पेशेवर संबंधों को आगे बढ़ाने हेतु रॉयल भूटान सेना के चीफ के साथ बैठक करेंगे।

भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से आया बयान

डोकलाम क्षेत्र में बने घर की सैटेलाइट तस्वीरें सामने आने के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित सभी घटनाक्रमों पर लगातार नजर बनाए हुए है और अपने हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि डोकलाम की स्थिति के साथ-साथ इस क्षेत्र में चीनी गतिविधियों के मुद्दे को भी जनरल पांडे अपने भूटानी वार्ताकारों के समक्ष रखेंगे। 

डोकलाम रहा है विवादों में

डोकलाम पठार भारत के लिए रणनीतिक रूप से बेहद अहम रहा है। बता दें कि चीन के द्वारा डोकलाम क्षेत्र में एक सड़क का विस्तार करने को लेकर साल 2017 में डोकलाम त्रिकोणीय बिंदु पर भारत और चीन के बीच कुल 73 दिनों तक युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। उस समय भूटान ने कहा था कि यह उसका क्षेत्र है और भारत ने भूटान के दावे को समर्थन किया था। 

गौरतलब है कि भूटान की चीन के साथ 400 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा साझा करता है। अब तक भूटान चीन के साथ सीमा विवाद सुलझाने के लिए 24 दौर से ज्यादा की वार्ताएं कर चुका है। 

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