पाक-चीन संबंधों में खटास!: चीनी नागरिकों की मौत के बाद पाकिस्तान पर बढ़ा दबाव, PM शहबाज ने दी सफाई

  • हाल ही में पाकिस्तान में पांच चीनी नागरिकों की हुई मौत
  • खैबर पख्तूनख्वा में चीनी नागरिकों पर हुआ था हमला
  • पाक-चीन दोनों को नहीं मिली हैं हमले में बड़ी सफलता

Dablu Kumar
Update: 2024-03-28 12:16 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान में आए दिन चीनी नागरिकों की मौत हो रही है। जिसके चलते पाकिस्तान और चीन के बीच टेंशन देखने को मिल रहा है। बीते मंगलवार को चीनी इजीनियरों के काफिले पर हमला हुआ था। जिसके चलते पांच चीनी नागरिकों की मौत हो गई। इस घटना में एक पाकिस्तानी ड्राइवर की भी मौत हो गई। हमला इतना खतरनाक था कि चीनी इंजीनियरों की गाड़ी उड़कर खाई में गिर गई। अब तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी भी संगठन ने नहीं ली है। लेकिन हमलावरों ने दोनों देशों के बीच के रिश्तों को बिगड़ाने का काम किया है।

पाकिस्तान ने चीन को दी सफाई

इससे पहले पाकिस्तान में ज्यादातर हमले बूलचिस्तान में होते थे। लेकिन मंगलवार को खैबर पख्तूनख्वा के दासू में चीनी नागरिकों पर हमला हुआ। जिसके चलते पाकिस्तान पर दबाव बढ़ गया है। खैबर पख्तूनख्वा में चीनी नागरिकों की मौत के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपनी पूरी कैबिनेट के साथ चीनी दूतावास पहुंचे और हमले की सफाई दी। चीन ने मामले पर पाकिस्तान को सख्त एक्शन लेने को कहा है। हालांकि, अभी तक मामले में दोनों देशों की ओर से बड़ी कार्रवाई होती नहीं दिख रही है। साथ ही, दोनों देश को हमले में कोई बड़ी सफलता भी हाथ नहीं लगी है।

बता दें कि, पाकिस्तान के कराची यूनिवर्सिटी में चीनी प्रोफेसरों पर हमला हुआ था। इससे पहले जुलाई 2021 में हुए अटैक में भी 9 इंजीनियर मारे गए थे। इन सभी हमले में एक बात कॉमन थी कि निशाने पर चीनी नागरिक थे। ऐसे में आइए समझने की कोशिश करते हैं कि पाकिस्तान में आए दिन इतने खतरनाक हमले क्यों हो रहे हैं। जो चीनी नागरिक पाकिस्तान के लिए बेहतर सड़क बना रहे हैं। उनके साथ इतना बूरा व्यवहार क्यों किया जा रहा है?

पाकिस्तान में हमले का राज

दरअसल, पाकिस्तान में मंगलवार को हुए आतंकी हमले से पहले सोमवार की शाम को बलूचिस्तान के तुरबत में नेवी बेस पर अटैक हुआ था। जिसमें 5 आतंकवादी मारे गए थे। हमले की जिम्मेदारी बलोच लिबरेशन आर्मी ने ली थी। यह संगठन बलूचिस्तान में काफी ज्यादा एक्टिव है। यह संगठन बलूचिस्तान के अधिकारों को लेकर आक्रामक रहा है। बलूच लिबरेशन आर्मी यानी बीएलए इससे पहले भी चाइना पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स पर हमले किए हैं। इस संगठन का मानना है कि पाकिस्तान बलूचिस्तान के संसाधनों का दोहन कर रहा है।

बलूचिस्तान का एक बड़ा तपका मानता है कि पाकिस्तान ने जबरन उनके प्रांत को अपने में शामिल कर रखा है। बलूचिस्तान पाकिस्तान के चंगुल से स्वतंत्र होना चाहता है। जब भारत पाकिस्तान का विभाजन हुआ था, तब जिन्ना ने बलूचिस्तान की राय को लेकर वादा किया था। लेकिन अंत में जिन्ना ने अपने सैन्य ताकत के साथ बलूचिस्तान को भी पाकिस्तान में शामिल कर लिया। अगस्त 2023 बलूच लिबरेशन आर्मी ने चीनी काफिले पर जबरदस्त तरीके से अटैक किया था। इसके बाद उसने चीन और पाकिस्तान को 90 दिनों का अल्टिमेटम दिया था। ऐसे में अब 90 दिनों का अल्टिमेटम भी खत्म हो गया है। इसलिए बलूच एक बार फिर एक्टिव हो गए हैं।

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