भगवद्गीता पर शपथ: भारतीय मूल के वरुण घोष बने ऑस्ट्रेलिया के नए सीनेटर, भगवद्गीता पर हाथ रख ली पद की शपथ

  • ऑस्ट्रेलिया के नए सीनेटर बने भारतीय मूल के वरुण घोष
  • भगवद्गीता पर हाथ रख ली पद की शपथ
  • अच्छी शिक्षा का सौभाग्य और दृढ़ विश्वास को घोष मानते हैं सफलता का राज

Dablu Kumar
Update: 2024-02-06 19:18 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय मूल के बैरिस्टर वरुण घोष ऑस्ट्रेलिया की संसद में नए सीनेटर बने हैं। उन्होंने भगवद्गीता पर हाथ रखकर नए सांसद यानी सीनेटर के रूप में शपथ लिया। ऑस्ट्रेलिया की संसद में घोष भगवद्गीता पर हाथ रखकर शपथ लेने वाले पहले शख्स बने हैं। जिसे लेकर अब भारत में भी चर्चाएं होनी शुरू हो गई है। ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग ने वरुण घोष को ऑस्ट्रेलाई संसद में शामिल होने पर उन्हें बधाई दी है। 

विदेश मंत्री ने किया स्वागत

पेनी वोंग ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ''पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया से हमारे नए सीनेटर वरुण घोष का स्वागत हैं। सीनेटर घोष भगवद् गीता पर शपथ लेने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई सीनेटर है। मैंने अक्सर कहा है कि जब आप किसी चीज को करने वाले पहले शख्स होते तो आपको यह सुनिश्चित करना होता है कि आप अंतिम नहीं हो।''

घोष ने कई साल पहले लेबर पार्टी ज्वाइन की है। पार्टी ने घोष को पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया (डब्ल्यूए) का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना है। बता दें कि, वर्तमान सीनेटर पैट्रिक डोडसन की जगह पर फ्रांसिस बर्ट चेम्बर्स के बैरिस्टर 38 वर्षीय घोष को चुना गया है।

पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की विधानसभा ने कहा था, "विधानसभा और विधानपरिषद ने संघीय संसद की सीनेट में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व करने के लिए सीनेटर वरुण घोष को चुना है।" पेशे बैरिस्टर वरुण घोष को नाम फरवरी में ही सीनेट के लिए तय हुआ था। न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, 17 साल की उम्र में घोष पर्थ में लेबर पार्टी में शामिल हुए थे।

घोष की सफलता का राज

अच्छी शिक्षा का सौभाग्य और दृढ़ विश्वास को घोष अपनी सफलता का राज मानते हैं। हाल ही में वरुण घोष ने कहा था कि उच्च गुणवत्ता शिक्षा और प्रशिक्षण हर किसी के लिए उपलब्ध होना चाहिए। घोष कहते हैं कि मुझे खुद अच्छी शिक्षा मिली है और मुझे लगता है कि यह सबको मिलनी चाहिए। 

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