रिलेशनशिप, इन वजहों से रिश्ते में करना पड़ता है महिलाओं को समझौता

रिलेशनशिप, इन वजहों से रिश्ते में करना पड़ता है महिलाओं को समझौता

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-09 07:21 GMT

डिजिटल डेस्क। अक्सर आपने लोगों को कहते सुना होगा कि जोड़ियां तो ऊपरवाला बनाता है, लेकिन आपसी झगड़ों के कारण स्वर्ग में बने रिश्तों में प्यार की कमी होना, तनाव होना स्वाभाविक बात है और जहां प्यार न हो या प्यार की कमी हो वहां रिश्ते का टिके रहना मुश्किल हो जाता है लेकिन महिलाएं अपने रिश्ते को बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करती हैं, फिर चाहे उन्हें खुद के साथ समझौता ही क्यों न करना पड़े। कुछ ऐसे कारण होते हैं जो महिलाओं को रिश्ते में बांधे रखने के लिए मजबूर कर देते हैं। हम आपको ऐसे पांच कारण बता रहे हैं जो किसी भी महिला को रिश्ते में समझौता करने के लिए मजबूर कर देते हैं।

कंफ्यूज रहना
मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक मेंटल और फिजिकल टॉर्चर झेलने के बाद भी महिलाएं अपने रिश्ते को लेकर काफी ज्यादा कंफ्यूज रहती हैं। वे अपने-आप को ही दोषी मानने लगती हैं और खुद के साथ हो रहे बुरे व्यवहार को सहती रहती हैं। जिसके कारण उनका आत्मसम्मान धीरे-धीरे खोने लगता है और वे अपनी जिंदगी को अर्थहीन समझने लगती हैं।

समाज का डर
अधिकांश महिलाओं को इस बात का डर रहता है कि लोग क्या कहेंगे, समाज में नाम खराब होने के डर से वे अपने साथ हो रहे बुरे बर्ताव को भी झेलती रहती हैं। यहां तक की कई बार वे अपने साथ हो रहे हिंसक व्यवहार के बारे में दूसरों से बात करने से भी डरती हैं।

पार्टनर के सुधरने की उम्मीद
महिलाएं काफी भावुक स्वाभाव की होती है। कई बार वे इस उम्मीद में रिश्ते को निभाती चली जाती हैं कि आज नहीं को कल उनका पार्टनर सुधर ही जाएगा, उन्हें डर होता है कि अगर उन्हेंने अपने पार्टनर को छोड़ दिया तो वो टूट जाएगा और सालों साल अपने रिश्ते को निभाती चली जाती हैं।

बच्चों की जिम्मेदारी
हमारे देश में महिलाओं के लिए सिंगल पैरेंट की जिम्मेदारी उठाना काफी ज्यादा मुश्किल काम होता है। कई बार अपनी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण महिलाओं को बच्चों के भविष्य के बारे में सोचकर भी रिश्ते में समझौता करना पड़ता है।    

फैमिली प्रेशर
हमारे देश में आज भी लड़की के ऊपर परिवार वालों का दबाव रहता है, जहां आज भी रिश्ता बनाना आसान और उसे तोड़ना मुश्किल होता है। जिसके कारण अगर कोई महिला अपने रिश्ते में खुश नहीं हैं और उससे बाहर आना चाहे, तो उसे परिवार वाले रिश्ते में बने रहने की सलाह देने लग जाते हैं। समाज और बच्चों का वास्ता देकर महिला को रिश्ते में रहने के लिए मजबूर कर देते हैं। 

 

 

 

 

 


 

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