ज्यादा गुस्सा करना पड़ सकता है भारी, जानिए इसके कारण और उपाय

ज्यादा गुस्सा करना पड़ सकता है भारी, जानिए इसके कारण और उपाय

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-11 02:36 GMT

डिजिटल डेस्क,भोपाल। अक्सर ही आपने लोगों को गुस्सा करते देखा होगा। गुस्से में इंसान चीखता है, तोड़े-फोड़ करता है और कभी-कभी मार-पीट पर भी उतारू हो जाता है। कई लोगों को इतना गुस्सा आता है कि उनको शांत रखने के लिए उनकी फैमिली तरह-तरह के उपाय करती है। मोती की अंगूठी, ताबज पहनाना , कोई पूजा या व्रत करना, लेकिन क्या कभी सोचा है कि आखिर गुस्सा आता ही क्यों है? आमतौर पर लोग इसे जैनेटिक कारण बताकर अवॉइड कर देते हैं, लेकिन ये समस्या गंभीर हो जाती है। धार्मिक इलाज के साथ-साथ इसका साइकॉलोजिकल इलाज करना बेहद जरूरी होता है। इससे पहले कि कोई भारी नुकसान हो। उससे पहले साइंटिफिक तरीके से समझना भी जरूरी है। 
वैज्ञानिकों के अनुसार ये भावना व्यक्त करने का माध्यम है, जैसे  हम जब ज्यादा परेशान हो जाते हैं, या हमारे मन में कोई डर बैठ जाता है या फिर हमें किसी चीज के खो जाने का डर होता है। जैसे हमारे अपने,  हमारी इज्जत, संपत्ति या खुद की पहचान। और खास कर तब, जब हमारे पास ऐसे हालत से निपटने  के लिए कोई हल नजर नहीं आता। अगर आप अपने गुस्से को काबू में नहीं रख पाते, तो इससे आपका ही नुकसान है।

                            

- आपका स्वास्थ्य खराब होता है।

- आपके मस्तिष्क को हानि पहुँचती है। 

- आपका ब्लड प्रेशर बढ़  सकता है।

- यहाँ तक, इसके अधिक प्रचार से दिमाग की नसें फट सकती है, और इंसान की मौत भी हो सकती है।

गुस्सा आने की समस्याएं युवाओं ज्यादा देखा गई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि दिमाग को शांत रखने वाला योग, उन युवाओं की मदद कर सकता है जो पारिवारिक झगड़ों को बीच रह हैं या झगड़ालु व्यवहार दिखाते हैं या फिर नकारात्मक और खतरनाक रवैया अपनाए हुए हैं।

अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी ने 18 से 24 साल से लोगों पर उनकी जिंदगी में हो रही तनावपूर्ण घटनाओं और समाज में बढ़ रहे यौन शोषण और अपराध के मामलों को जोड़कर समझने की कोशिश की। 10 साल तक हुए शोध में वैज्ञानिकों ने पाया कि ज्यादातर युवाओं में तनाव के कारण यौन व्यवहार और शोषण करने जैसा रवैया बढ़ जाता है। 

                                   

आइए जाने गुस्से को काबू में करने के कुछ गुण:

- बात करते वक्त, अगर वाद-विवाद की संभावना दिखे तो खुद को तर्क से दूर रखिए ।

- गुस्से को शांत करने के लिए अच्छा गाना गायें या सुनें (जो आपको पसंद हो)

- अच्छी चीजें सोचें, जो चीजें आपको खुशी देती है।

- क्रोध को कम करने के लिए बातचीत बंद करें, और खाने में जो चीज़ पसंद है, उसे स्वयं के लिए बनाना शुरू करें, तो कुछ ही समय में आप क्रोध को भूल जाएंगे। 

- योगा, हमारे शरीर और मन की संतुलन को ठीक रखने में हमारी मदद करता है। हर रोज योगा का और मैडिटेशन का प्रयास, क्रोध को नियंत्रण करने में बहुत हद  तक मदद करता है।

योग से मिली युवाओं को मदद

                                

इसके साथ ही रिसर्चरों ने दिमाग को शांत करने वाली अलग-अलग क्रियाओं का भी अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि जो युवा इस तरह की गतिविधियों का इस्तेमाल शुरू कर चुके हैं उनके आक्रामक और खतरनाक व्यवहार में सुधार आया है। वैज्ञानिकों ने कहा, "जिन युवाओं ने योग या मेडिटेशन (ध्यान लगाना) जैसी क्रियाओं को अपनाना शुरू किया है उनके नकारात्मक रवैये में सुधार आया है और ऐसे युवा तनाव के कारण गलत कामों की ओर जाने से भी बच गए हैं।"

शोध से जुडे़ वैज्ञानिकों ने कहा कि टेस्टोस्टेरोन दिमाग में ज्यादा आक्रामक व्यवहार को जन्म देने के लिए जिम्मेदार होता है, लेकिन अगर इसे स्पोर्ट्स, योग और सकारात्मक प्रतिस्पर्धा जैसी चीजों से कंट्रोल किया जाए तो इसका असर ज्यादा पॉजिटिव होता है। रिसर्चरों ने पाया कि जो लोग किताब पढ़ने, स्पोर्ट्स खेलने जैसी दिमाग को व्यस्त करने वाली क्रियाओं में समय बिताते हैं, उनमें यौन भावनाएं और झगड़ालु व्यवहार उत्पन्न होने का खतरा दोगुना कम होता है।


 

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