जानें क्या है डेंगू के लक्षण, बचाव और सावधानियां? 

जानें क्या है डेंगू के लक्षण, बचाव और सावधानियां? 

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-25 09:03 GMT
जानें क्या है डेंगू के लक्षण, बचाव और सावधानियां? 

डिजिटल डेस्क,भोपाल। डेंगू बारिश और बारिश के बाद सबसे ज्यादा फैलने वाली बीमारियों में से एक हैं। गंदे पानी में पनपने वाले मच्छरों के काटने से बुखार आना कोई आम बात नहीं हैं। पर ये डेंगू के लक्षण हो सकते हैं। अगर समय रहते इसका इलाज नहीं किया जाए तो ये बीमारी जान लेवा बन सकती हैं। क्योंकि डेंगू एक लाइलाज़ रोग है अभी तक इसकी कोई दवा या वैक्सीन नहीं बनी है। सिर्फ़ शरीर की इम्यूनिटी पावर बढ़ाना ही एक मात्र इलाज है। लक्षण दिखते ही पास के अस्पताल जाएं।

डेंगू बुखार होने से पहले सावधानी बरतना और अगर हो जाये तो डॉक्टरी सलाह लेना ही बचाव के रास्ते हैं। 

सबसे पहले जरूरी है कि डेंगू के बारे में ठीक से जान लें। आज हम आपको डेंगू के लक्षण, बचाव और सावधानियों के बारे बताएंगे। जन्हें जाकर आप इस गंभीर बीमारी से बच सकते हैं। 

कैसे होता है डेंगू?

मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से डेंगू का बुकार होता है। जब ये मादा मच्छर किसी को काटती है तो डेंगू वायरस मच्छर की लार के साथ शरीर में घुस जाता हैं। इसके शुरुआती लक्षण सामान्य बुखार से मिलते जुलते हैं। 

कैसे फैलता है?

डेंगू के सबसे ज़्यादा मामले बरसात के मौसम में देखने में आते हैं।डेंगू मच्छर ठहरे हुए पानी में पनपते हैं। जैसे – कूलर के पानी में, रुंधे हुए नालों में और आस-पास की नालियों में। डेंगू फैलाने वाले मच्छर दिन में काटते हैं। इसकी खास बात ये भी है कि ये डेंगू का मच्छर गूठनों के नीचे ज्यादा काटता हैं। डेंगू उन लोगों को जल्दी होता है जिनका इम्यून सिसंटम कमजोर होता है। 

डेंगू के लक्षण

डेंगू के लक्षण 3 से 14 दिन बाद दिखते हैं। तेज़ ठंड लगकर बुख़ार आना, सिर और आंखों में दर्द होना, शरीर और जोड़ों में दर्द में होना। भूख कम लगना, जी मचलाना, उल्टी और दस्त आने लगते हैं। चमड़ी के नीचे लाल धब्बे आने शुरु हो जाते हैं। गंभीर स्थिति में आंख, नाक से खून आ जाता है। इन सभी लक्षणों शुरुवात से ही नजर बनाएं रखें और जरा सा भी शक होने पर तुरंत डॉक्टरी इलाज कराएं।

डेंगू से रखें बचाव

-घर के अंदर और आस पड़ोस में पानी जमा न होने दें। 
-नीम की पत्तियों का धुँआ घर में फैलाएं। 
-पानी के सभी बर्तन को खुला न रखें। 
-किचेन और वाशरूम को सूखा रखें। 
-कूलर का पानी सुबह-शाम बदलते रहें। 
-खिड़कियों और दरवाज़ों में जाली लगवाएं
-शरीर पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनें
-सोते समय मच्छर दानी का प्रयोग करें
-घर के आस पास मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव करवायें

खानें की आदतों में करें बदलाव

-सादा भोजन खाएं जिसमें नमक स्वाद से अधिक न हो। मसालेदार चटपटी चीज़ों का सेवन बंद कर दें।
-अनार, ज्वार और गेहूँ के घास का रस पिएं।
-ताज़े मौसमी फलों का सेवन करें।
-नारियल पानी और साफ पानी का अधिक से अधिक मात्रा में पिएं।
-विटामिन C युक्त फलों को खाना स्वस्थप्रद रहता है। नींबू, संतरे, मौसम्बी, अंगूर, स्ट्राबरी और जामुन में पर्याप्त मात्रा में वाइटमिन C पाया जाता है।
-पपीते के पत्तों का रस बनाकर दिन में दो से तीन बार पिएं, ये माना जाता है कि इससे प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ती है।
-पपीते की तरह गिलोय की बेल का सत्व भी शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या नियमित रखने में मदद करता है।

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