किंग खान की पत्नी गोरी खान ने बताया क्यों लगाई क्रिस्टल जड़ी नेमप्लेट, जानिए क्या कहता है नेमप्लेट से जुड़ा वास्तु, पॉजिटिव एनर्जी के लिए है जरूरी

नेमप्लेट से जुड़े वास्तु टिप्स किंग खान की पत्नी गोरी खान ने बताया क्यों लगाई क्रिस्टल जड़ी नेमप्लेट, जानिए क्या कहता है नेमप्लेट से जुड़ा वास्तु, पॉजिटिव एनर्जी के लिए है जरूरी

Sanjana Namdev
Update: 2022-11-23 09:17 GMT
किंग खान की पत्नी गोरी खान ने बताया क्यों लगाई क्रिस्टल जड़ी नेमप्लेट, जानिए क्या कहता है नेमप्लेट से जुड़ा वास्तु, पॉजिटिव एनर्जी के लिए है जरूरी

डिजिटल डेस्क मुंबई। शाहरुख खान की वाइफ और इंटीरियर डिजाइन गौरी खान ने हाल ही में अपने घर की नेम प्लेट का फोटो शेयर किया था। इस ग्लास क्रिस्टल नेमप्लेट को गौरी खान ने खुद डिजाइन किया है। उन्होंने फोटो पोस्ट करते हुए कैप्शन में बताया कि, घर का मेन गेट आप, आपके परिवार और दोस्तों के लिए सबसे खास पॉइंट होता है। इसलिए ग्लास नेम प्लेट पॉजिटिव वाइब्स को आकर्षित करती हैं। हमने अपने घर की नेमप्लेट के लिए ट्रांसपेरेंट मटेरियल और ग्लास क्रिस्टल का इस्तेमाल किया है, जो की पॉजिटिव एनर्जी और शांत वातावरण को अपनी तरफ आकर्षित करता है। बता दें कि, घर के बाहर लगी नेमप्लेट का भी सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है। इसके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि हमे घर के बाहर नेमप्लेट लगाते वक्त किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए। तो चलिए जानते हैं कि वास्तु के अनुसार नेमप्लट लगाने के नियम क्या हैं-

नेम प्लेट की धातु
 घर के बाहर लगी नेम प्लेट आप किसी भी धातु जैसे तांबा, स्टील, ग्लास क्रिस्टल या पीतल आदि का लगा सकते हैं। इसके अलावा आप लकड़ी, ठोस ग्लास या फिर पत्थर के बने नेम प्लेट का भी प्रयोग कर सकते हैं। लेकिन कभी भी प्लास्टिक से बनी नेम प्लेट नहीं लगानी चाहिए। इससे घर में नकारात्मकता आती है। इस बात का भी ध्यान रखें कि नेम प्लेट दानेदार नहीं होनी चाहिए और उसमें कोई छेद भी नहीं होना चाहिए।

नेम प्लेट की दिशा
घर के बाहर नेमप्लेट लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि मुख्य द्वार की बाईं ओर इसे लगाना चाहिए। कभी भी दरवाजे के बीचों-बीच या दाईं ओर नेम प्लेट ना लगाएं। ऐसा करना वास्तु के अनुसार सही नहीं माना जाता है।

नेम प्लेट पर लिखावट
नेम प्लेट लगाते वक्त ध्यान रखे की नेम प्लेट पर फॉन्ट का साइज बहुत ज्यादा बड़ा और ज्यादा छोटा भी ना हो। नेम प्लेट का फॉन्ट ऐसा हो कि किसी भी उम्र का व्यक्ति आसानी से पढ़ सके। साथ ही नेम प्लेट पर लिखावट के लिए व्हाइट, ऑफ व्हाइट, हल्का पीला, केसरिया आदि जैसे मिलते जुलते रंगों का प्रयोग करें। लेकिन भूलकर भी नेम प्लेट पर ब्लू, काला, ग्रे या फिर इसी तरह से मिलते जुलते गहरे रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। वास्तु के अनुसार ऐसे रंगों की नेम प्लेट से घर पर यश की कमी होती है।

नेम प्लेट का आकार
नेम प्लेट लगाते समय आकार को भी ध्यान में रखना जरूरी है। वास्तु के अनुसार, गोलाकार, त्रिकोण और विषम आकृति की नेम प्लेट घर के लिए सबसे अच्छी होती है। इस तरह से आप वास्तु के अनुसार अपने घर के बाहर एक अच्छा नेम प्लेट लगा सकते हैं। इससे घर पर संकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी। वास्तु के अनुसार लगी नेम प्लेट घर के भीतर वास्तु दोष को आने से रोकती है।

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