खुशखरी: अब HIV मरीजों को रोज नहीं लेना पड़ेगा दवाइयां !
खुशखरी: अब HIV मरीजों को रोज नहीं लेना पड़ेगा दवाइयां !
डिजिटल डेस्क। हाल ही में हुई एक स्टडी की रिपोर्ट में खुसाला हुआ है कि अब इंफ्यूजन नाम की ऐसी तकनीक विकसित की गई है, जिसकी मदद से HIV जैसी घातक बीमारी पर 6 से 7 महीनों के लिए नियंत्रण पाया जा सकेगा। ये इंफ्यूजन यानी नई तकनीक इस बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए आशा की किरण लेकर आई है। इससे पहले भी कई बार HIV पर नियंत्रण पाने के लिए कई इंफ्यूजन तकनीक विकसित की जा चुकी हैं, लेकिन उनसे अब तक इस बीमारी में ज्यादा फायदा नहीं पहुंचा है। रॉकफेलर यूनिवर्सिटी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के वैज्ञानिकों ने HIV वाइरस पर नियंत्रण पाने के लिए 2 तरह की एंटीबॉडी को मिलाया है। इसकी मदद से वैज्ञानिक 2 लोगों में HIV पर 30 हफ्तों के लिए काबू पाने में सफल हुए। वहीं दूसरे लोगों में इन एंटीबॉडी का असर 15 हफ्तों तक देखा गया है।
हालांकि लोगों को चेतावनी दी जाती है कि सभी रोगियों में सीधे तौर पर एंटीबॉडीज से बदलाव नहीं हुआ। बल्कि पहले इन मरीजों ने एंटीबॉडी से वायरस को दबाया, फिर एक दिन बाद थेरेपी लेना बंद कर दिया। हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी इसको पूरी तरह से समझने के लिए कई और स्टडी की जानी हैं।
ये स्टडी नेचर जर्नल में छपी थी। इसके मुताबिक 11 ऐसे लोगों को शामिल किया गया, जो एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी के जरिए HIV का इलाज कर रहे थे। यानी रोज दवाइयां ले रहे थे, लेकिन इंफ्यूजन से इलाज के बाद उन सभी ने एंट्री रेट्रोवाइरल थेरेपी लेनी छोड़ दिया। इसका प्ररिणाम ये हुआ कि 11 में 2 लोगों को 12 हफ्तों में ही HIV के वाइरस ने दोबारा जन्म ले लिया। जबकि 2 लोगों में इंफ्यूजन के बाद 30 हफ्तों के बाद भी HIV वाइरस काफी नियंत्रण में रहा। वहीं 7 लोगों में 15 हफ्तों तक HIV वाइरस में नियंत्रण देखा गया।
इस घातक बीमारी में सिर्फ एक तरह की एंटीबॉडी से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन नई पहल इस बीमारी से लड़ने में मददगार साबित हो सकती है। साथ ही HIV अब पहले जितना घातक और जानलेवा नहीं रहेगा। लोग एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (ART) द्वारा HIV का इलाज किया करते हैं, जिसमें उन्हें हर एक दिन दवाइयों का सहारा लेना पड़ता है, लेकिन कई लोगों के लिए रोज-रोज दवाई लेना बहुत कठिन होता है। यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया के शोधकर्ताओं ने साल 2016 में HIV वाइरस से लड़ने के लिए जोरदार प्रयास किया था, लेकिन वो उसमें सफल नहीं हो पाए थे।