भारत सबसे बड़ी गरीब आबादी वाले देश की गिनती से हुआ बाहर : रिपोर्ट

भारत सबसे बड़ी गरीब आबादी वाले देश की गिनती से हुआ बाहर : रिपोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-01 02:44 GMT
भारत सबसे बड़ी गरीब आबादी वाले देश की गिनती से हुआ बाहर : रिपोर्ट

 

डिजिटल डेस्क । आपको ये सुन के अच्छा लगेगा की अब भारत की गिनती गरीबों के सबसे बड़े आबादी वाले देश के रूप में नहीं की जाएगी। रिपोर्ट्स के अनुसार हर मिनट लगभग 44 लोग बहुत गरीब की श्रेणी से बाहर आ रहे है और ये सबसे तेजी से पूरी दुनिया के मुकाबले घट रही है। मई 2018 में अब भारत की जगह नाइजीरिया ने ले ली है। अमेरिकी शोध संस्थान के ब्रूकिंस के ब्लॉग में प्रकाशित एक स्टडी के मुतबिक मई 2018 के आखिर में नाइजीरिया में लगभग 8.7 करोड़ लोग ज्यादा गरीबी में जीवन जी रहे है और भारत में ये संख्या 7.3 करोड़ है ।

 

इस स्टडी के मुताबिक नाइजीरिया में हर एक मिनट में 6 लोग गरीबी की चपत में आ रहे है और भारत में गरीबी लागतार घट रही है। हांलाकि गरीबी मापने में आसमानता होने के कारण अत्यंत गरीब आबादी पर कमी का आंकलन भारत सरकार के अपने आंकलन से मेल नहीं खाता। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, 2004 से 2011 के बीच भारत की गरीब आबादी  38.9 % से घट कर 21.2 % हो गई थी। (2011 में परचेजिंग पावर प्रति दिन $1.9 यानि 125 रूपए हो गई थी।)   

 

इसके मुताबिक गरीबी उन्मूलन की धीमी गति होने के कारण 2030 तक का ये लक्ष्य काफी मुश्किल होता जा रहा है। टिकाऊ विकास लक्ष्य जो की संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रायोजित की गई है के तहत 2030 तक दुनिया को गरीबी मुक्त करना है। प्रधान मंत्री की आर्थिक सलाहकर शमीका रवि ने इस स्टडी पर कहा है की यह भारत के विकास पर उच्च खर्च और ऊँची वृद्धि दर से भारत में अति गरीबी से तेजी से घटी है।  

 

एक स्टडी के अनुसार अफ्रीका में दुनिया की सबसे गरीबों की दो तिहाई आबादी रहती है। अगर ही हालत रहे तो 2030 तक हर 10 में से  9 वही होंगे। इसमें कहा गया है कि 18 देशों में अत्यंत बढ़ रही है उनमे से 14 अफ्रीका के है। इस अध्ययन का आंकलन है 1 सितम्बर 2017 को कुल 64 करोड़ 70 लाख लोग अत्यंत गरीबी की चपेट में थे। 

 

यह स्टडी कहती है "हर मिनट में 70  लोग यानि हर सेकंड 1.2 लोग इस इस गरीबी से निकल रहे है। यह टिकाऊ वकलस लक्ष्य (परैत मिनट 92 लोग या या प्रति सेकंड 1.5 लोग) के के करीब है जिससे हमें ये अनुमान लगाने में मदद मिलती है की 2016 में 3 करोड़ 60 लाख लोग अत्यंत गरीबी की चपेट से निकले है।"  

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