आपके तकिये के नीचे छुपा है आपकी सेहत का दुश्मन

आपके तकिये के नीचे छुपा है आपकी सेहत का दुश्मन

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-06 14:27 GMT

एक अंधेरा कमरा, सही तापमान और एक आरामदायक बिस्तर। एक गहरी और बेहतरीन नींद के लिए ये सब सुनने में कितना परफेक्ट लगता है न? लेकिन आप इस बात से अनजान है कि इन सबके बीच आपके तकिये के नीचे एक ऐसी चीज छुपी हुई है जो आपके लिए सबसे बड़े खतरे की घंटी है। जी हां, आपको इस बात का एहसास भी नहीं होगा लेकिन धीरे-धीर कहीं न कहीं ये चीज आपको मेन्टली और फिजिकली कमजोर कर रही है। चलिए जानते है आखिर वो चीज भला क्या है-

साइलेंट किलर 

सोते वक्त हर कोई अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम की अपडेट एक बार जरूर चेक करना चाहता है। लेकिन स्मार्ट फोन को अपने तकिये के नीचे या आस पास रखना आपकी नींद के लिए ही खतरनाक ही नहीं है, बल्कि कई और बीमारियों को निमंत्रण देने जैसा है। इससे निकलने वाला रेडिएशन हमारे शरीर और नींद दोनों के लिए ही हानिकारक होता है।

ऐसा क्यों होता है? 

मोबाइल फोन्स से निकलने वाले रेडिएशन से सिर में दर्द, मसल पैन, ब्रेन डैमेज और कई सारी बीमारियों की चपेट में आने का खतरा रहता है। मोबाइल फोन्स से निकलने वाला 900 Mhz रेडिएशन आपके शरीर के संतुलन को बिगाड़ देता है।  

कई खतरनाक प्रभाव 

एक शोध के अनुसार, मोबाइल फोन्स को अपने पास रखकर सोने से पुरुषों के स्पर्म काउंट में कमी आने लगती है। इसका ब्लू लाइट रेडिएशन आपकी नींद लाने वाले हॉर्मोन को भी कम कर देता है, जिससे आप गहरी नींद में नहीं सो पाते। 

WHO की रिपोर्ट

WHO की रिपोर्ट के अनुसार मोबाइल को सोते वक्त अपने पास या बच्चों के पास रखने से उनके दिमाग पर सीधा असर पड़ता है। युवाओं के मुकाबले छोटे बच्चों का स्कल्प पतला होता है इसलिए कोशिश करनी चाहिए की फोन उनसे दूर ही रखें। मोबाइल फोन पर अगर आप बात भी कर रहे हैं तो इयरफोन्स का इस्तेमाल करने में ही भलाई है।   

शरीर से कितनी दूर रखें?

जैसे ही आप मोबाइल को अपने पास से दूर करते हैं उसकी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड घटती जाती है। अपने मोबाइल को खुद से कुछ फीट की दूरी पर रखकर सोयें। 

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