'world photography day' पर जानें कैमरे की कुछ खास बातें

'world photography day' पर जानें कैमरे की कुछ खास बातें

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-19 08:16 GMT
'world photography day' पर जानें कैमरे की कुछ खास बातें

डिजिटल डेस्क,भोपाल। आज "वर्ल्ड फोटोग्राफी डे" है। ये दिन उन लोगो के लिए है जिन्होंने दुनिया की खूबसूरती अपने लैंस में उतारी हैं। फोटोग्राफर्स की दुनिया के अलग ढंग से देखने की काबिलियत ही है जो उन चीजों को भी खूबसूरत बना देते हैं जिन्हें शायद आम इंसान बेकार समझ लेता है। वैसे बदलते दौर में आज हर कोई हाथ में कैमरा लिए दिख जाता हैं लेकिन सिर्फ कैमरा या शौक रखने से बेजान चीजों में जान नहीं फूंकी जा सकती। इसके लिए जरूरी होता है, समर्पण जो केवल एक पैशनेट इंसान में ही होता हैं। आज के हम आपको कैमरे कुछ खास बातें बताएंगे। 

दुनिया में आज के समय में कई तकीनीकी आ चुकी हैं, अगर हम पुराने जमाने की तकनीकी की बात करें तो पहले की और अब की तकनीकी में काफी बदलाव आ चुका है। लेकिन क्या आप जानते है दुनिया का पहला कैमरा अब तक का सबसे बड़ा कैमरा है। 

पहला कैमराः इसे सन् 1900 में जॉर्ज लारेंस ने बनाया गया था। इस कैमरे के की कीमत उस समय इस कैमरे की कीमत 3 लाख रूपय थी। कैमरे को ऑल्टन रेलवे की सबसे बड़ी ट्रेन की फोटो खींचने के लिए बनाया गया था। इस फोटो का साइज 8x4.5 फीट था। कैमरे को चलाने के लिए 15 लोगों की जरुरत पड़ती थी। 

पॉकेट कैमराः पॉकेट कैमरा 1916 से 1925 तक रहा था, राजा,महाराजा और राजवाड़े अपनी जेब में रखा करते थे। ये आम लोगों की पहुंच से दूर था जिसकी कीमत उस जमाने में 1200 हुआ करती थी। उस वक्त इस कैमरे माधव राव सिंधिया के फादर जीवाजी राव सिंधिया लंदन से लाए थे। 

डिस्पोजल कैमराः डिस्पोजल कैमरा एक अनोखा यूज एंड थ्रो कैमरा था। कंपनी की तरफ से रोल या फिल्म दी जाती थी। रोल निकालने के लिए कैमरा तोड़ डालते थे। इसे टूरिस्ट कैमरा भी कहा जाता था। 
 

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