जानिए चेहरे पर क्यों आते हैं इमोशन वाले एक्सप्रेशन, क्या है इसके पीछे का साइंस

जानिए चेहरे पर क्यों आते हैं इमोशन वाले एक्सप्रेशन, क्या है इसके पीछे का साइंस

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-27 08:14 GMT
जानिए चेहरे पर क्यों आते हैं इमोशन वाले एक्सप्रेशन, क्या है इसके पीछे का साइंस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साइको डरमैटोलॉजी जीव विज्ञान की दुनिया से जुड़ा ऐसा शब्द है जिसके तहत स्किन और ब्रेन के बीच संबंधों से जुड़ी बातें आती हैं। विज्ञान हमें बताता है कि स्किन के साथ हमारा रिश्ता कैसा है। कैसे जो हम मन में सोचते हैं उसी के अनुसार, चेहरे की भावभंगिमा बदने लगती है। कई बार हम नए कपड़े, ब्रांडेड ऐक्सेसरीज़ और मंहगे ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने के बाद भी चेहरे पर कोई चमक महसूस नहीं करते हैं, लेकिन यदि हमारा मन खुश है तो चेहरे अपने आप एक आकर्षण पैदा करता है।

 

विज्ञान कहता है मन के भाव चेहरे को प्रभावित करते हैं, क्योंकि चेहरे का रिलेशन स्किन से होता है और स्किन का सीधा संबंध हमारे मस्तिष्क और जज्बातों से जुड़ा होता है। साइकोडरमैटोलॉजी से जुड़े क्लीनिक भी दुनिया में बहुत कम हैं। बता दें कि साइकोडरमैटोलॉजी के लिए अमेरिका में भी कुछ क्लिनिक हैं। पिछले कुछ सालों में दुनियाभर में हुई रिसर्च में नर्वस सिस्टम और स्किन के संबंध को "ब्रेन स्किन एक्सिस" कहा गया।  इसमें पाया गया कि बहुत से लोगों को स्किन की परेशानियां "जज़्बाती दिक्कतों" की वजह से और ज्यादा बढ़ जाती हैं। 

 

रिसर्च में पाया गया, जो जो डॉक्टर्स मनोरोगियों के साथ काम कर रहे थे, उन्होंने भी स्किन संबंधी कुछ प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ा। जिसमें बाल झड़ना, स्किन कटना जैसी दिक्कतें शामिल थीं। साइकॉलोजिस्ट्स स्किन संबंधी परेशानियों (डरमैटोलॉजिकल) से जूझ रहे लोगों का इलाज कर रहे थे, उन्होंने पाया कि लोगों को त्वचा रोग जैसे गंजापन, खुजली होने की वजह सामाजिक चिंताएं और डिप्रेशन था। 


रिसर्च में यह भी सामने आया कि जो लोग धोखे का शिकार हुए है, उनकी मनोस्थिति के अनुसार भी उनके चेहरे में काफी परिवर्तन आया और स्किन संबंधी समस्याओं का सामना भी करना पड़ा। बता दें कि प्रतिरक्षा कोशिकाएं शरीर/मस्तिष्क में हो रहे बदलावों खासकर तनाव पर रिस्पॉन्ड करती हैं। इन्हें "लैंगरहैंस सेल" कहा जाता है। यह स्किन की ऊपरी सतह से संबंधित होती हैं। स्ट्रेस उन कोशिकाओं के मूवमेंट में शामिल होता है, जिसकी वजह से प्रभाव चेहरे पर दिखने लगता है।

 

किसी छोटे बच्चे में इसका बेहतरीन उदाहरण देख सकते हैं। उसके चेहरे पर एक अलग ही चमक रहती है, क्योंकि उसे अभी दुनिया की किसी बात की चिंता नहीं है। उसके चेहरे के तेज, गुलाबीपन की वजह मन से ख़ुश होना है। 

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