इस दशहरा त्याग दें ये बुरी आदतें 

इस दशहरा त्याग दें ये बुरी आदतें 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-19 04:38 GMT

डिजिटल डेस्क। दशहरा यानी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक। देश के अलग-अलग हिस्सों में दशहरे का अलग-अलग महत्व है। दक्षिण, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में दशहरे को महिषासुर के ऊपर मां दुर्गा की जीत के तौर पर मनाया जाता है, जबकि पश्चिमी और उत्तरी राज्यों में इसे रावण पर भगवान राम की जीत के तौर पर मनाया जाता है। हालांकि, इस पूरे त्योहार का निचोड़ यही है- बुराई पर अच्छाई की जीत। यही वजह है कि दशहरे को बुरी चीजों, बुरी आदतों और बुरी यादों से मुक्ति पाने के आदर्श समय के तौर पर भी देखा जाता है। आज के दौर में, जब हम सबकुछ बहुत जल्दी और तत्काल पा लेना चाहते हैं, इस सिलसिले में हम अनजाने में कई बुरी आदतें भी विकसित कर लेते हैं। इन बुरी आदतों में हम कभी-कभी खराब डायट चुनने से लेकर गंभीर भूलें तक कर देते हैं। हम सभी दशहरा मनाने के लिए तैयार हैं, ऐसे में हमें कुछ आदतों से तौबा कर लेनी चाहिए। 


 

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