नवरात्रि में गरबा और फलाहार हैं फिटनेस का मूल मंत्र
नवरात्रि में गरबा और फलाहार हैं फिटनेस का मूल मंत्र
डिजिटल डेस्क,भोपाल। नवरात्रि में लोग व्रत उपवास करते हैं,सात्विक भोजन करते हैं और कड़ी साधना के लिए कई चीजों का त्याग करते हैं, जैसे गाड़ियों से ना चलना,चप्पल ना पहनना आदि। कुछ वक्त पहले तक ये सब लोग करना अंधविश्वास मानने लगे थे, लेकिन अब बदलते वक्त के साथ एक बार फिर जरूरतों ने लोगों को परंपराओं से जोड़ दिया है। अब लोग पंरपराओं को फॉलो करते हैं, लेकिन अलग अंदाज में। पूजा पाठ और व्रत के अलावा अब नई पीढ़ी नवरात्र को फिटनेस पीरियड के रूप में भी देखने लगी है। यही वजह है कि इन नौ दिनों में आस्था के साथ साथ फिटनेस से भी जुड़ रहे हैं।
गरबा मां की आराधना के साथ बना फिटनेस मंत्र
सबसे पहले अगर बात की जाए गरबा की, तो लोग ना सिर्फ इसे देवी अराधना के रूप में देखते हैं बल्कि इसे फिट रहने के लिए भी किया जाने लगे है। गरबा एक ऐसा डांस फॉर्म है, जिसमें पूरी शरीर की एक्सरसाइज हो जाती है।
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गरबा में संगीत की लय कभी बेहद फास्ट तो कभी स्लो होती है। ऐसे में एक घंटे के प्रशिक्षण से बेहतरीन तालमेल बन जाता है और बॉडी को आवश्यक स्ट्रेंथ मिल जाती है। ऐसे में लगातार इसे नृत्य को करने से बॉडी में लचक आती है, बॉडी टोन होती है और कैलोरी बर्न होती है। फिटनेस एक्सपर्ट सिद्धार्थ राय के मुताबिक उस दौरान ये ट्रेंड तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
फलाहार के साथ डायटिंग
लोगों को फिटनेस एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि इस दौरान फलाहार करके डाइ¨टग को मजबूत बनाया जा सकता है। इस दौरान खाए जा सकने वाली चीजों में फिटनेस मेनटेन रखने के तत्व होते हैं। जैसे इस दौरान खाए जा सकने वाले सेंधा नमक में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है व सोडियम की मात्रा अपेक्षाकृत कम होती है। ऐसे में सोडियम कम होने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से निजात मिलती है। ऐसे में ब्लड सर्कुलेशन सही ढंग से होता है और त्वचा की रौनक बढ़ती है।
कुटू (सिंघाड़े) का आटा शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से निजात मिलती है। इस आटे के सेवन से वजन घटता है जिससे त्वचा में कसाव आता है। व्रत के दौरान लौकी का सेवन बेहद लाभकारी है। लौकी में कोलेस्ट्रोल घटाने का गुण होता है। इससे त्वचा पर आश्चर्यजनक प्रभाव पड़ता है। तोरई में फाइबर होते हैं जिससे शरीर के पाचन तंत्र की सफाई होती है और विषैले पदार्थ शरीर से निकल जाते हैं।