दिल्ली मेट्रो में डिटेक्टर मशीन की बीप बजने पर ही होगी यात्रियों की जांच (आईएएनएस विशेष)

दिल्ली मेट्रो में डिटेक्टर मशीन की बीप बजने पर ही होगी यात्रियों की जांच (आईएएनएस विशेष)

IANS News
Update: 2020-05-17 13:01 GMT
दिल्ली मेट्रो में डिटेक्टर मशीन की बीप बजने पर ही होगी यात्रियों की जांच (आईएएनएस विशेष)

नई दिल्ली, 17 मई (आईएएनएस)। कोरोनावायरस के प्रकोप को रोकने के लिए सोमवार से राष्ट्रव्यापी बंद 4.0 शुरू हो जाएगा। ऐसे संकेत मिले हैं कि सोमवार से ही दिल्ली मेट्रो का संचालन भी शुरू हो जाएगा, जिसे देखते हुए सीआईएसएफ के जवान मेट्रो स्टेशन परिसर की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

इस बार संक्रमण को देखते हुए कुछ नए उपाय अपनाए जाएंगे। अगर मेट्रो स्टेशनों पर लगे डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) से किसी यात्री के गुजरने पर जब बीप की ध्वनि सुनाई देगी, तभी उसकी सुरक्षा जांच की जाएगी।

दिल्ली मेट्रो में यह पहली बार होगा, जब यात्रियों को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के सुरक्षाकर्मियों द्वारा उनके शरीर की जांच (फिजिकल फ्रिस्किंग) प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा।

दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा के लिए 12,500 से अधिक कर्मी हैं, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं। सीआईएसएफ के जवान 15 अप्रैल, 2007 से ही दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा में लगे हैं। इनकी मौजूदगी चौबीसों घंटे बनी रहती है। ये आठ घंटे की शिफ्ट में काम करते हैं।

संक्रमण को देखते हुए नई विधि का पालन अन्य अनिवार्य मानदंडों के बीच किया जाएगा। यानी सभी स्टेशनों पर एक्स-रे बैगेज स्कैनर मशीन का उपयोग पहले की तरह ही होगा।

चूंकि शारीरिक फ्रिस्किंग नहीं होगी, इसका मतलब यह नहीं है कि सुरक्षा से समझौता किया जा रहा है। यह सीआईएसएफ कर्मियों और यात्रियों के बीच केवल दूरी बनाए रखने के लिए ही किया जाएगा। अर्धसैनिक बल के 116 कर्मी भी वायरस की चपेट में आए हैं, इसलिए सामाजिक दूरी के नियम अपनाए जाएंगे।

दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) में नियुक्त 29 सीआईएसएफ कर्मियों को रविवार तक कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।

सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने डीएफएमडी पर नो बीप, नो फ्रिस्किंग उपाय के बारे में बताया। उन्होंने कहा, इसका मतलब यह नहीं है कि सुरक्षा से समझौता किया जाएगा।

अधिकारी ने कहा, अगर कोई यात्री डीएफएमडी दरवाजे से होकर गुजरता है और बीप ध्वनि सुनाई देती है तो उसे रोका जाएगा या उसे बीप की आवाज उत्पन्न कर रही धातु को बाहर निकालने के लिए कहा जाएगा। अगर डीएफएमडी दरवाजा बीप ध्वनि नहीं करता है, तो यात्री को जाने अनुमति दी जाएगी।

हालांकि आधिकारिक तौर पर यह सुनिश्चित किया गया है कि लॉकडाउन 4.0 के नए दिशानिर्देशों की घोषणा के तुरंत बाद मानदंडों में और अधिक बदलाव होंगे।

दिल्ली मेट्रो के 248 स्टेशन 22 मार्च से ही बंद हैं और यहा सीआईएसएफ का पहरा है। सीआईएसएफ के जवानों पर 345 किलोमीटर की दूरी में फैले नेटवर्क पर यात्रियों को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी है।

सीआईएसएफ के जवान जांच करेंगे कि हर यात्री के मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड है या नहीं। यात्रियों को मास्क लगाए रखना होगा और सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसी बातें भी होंगी।

मेट्रो स्टेशनों पर भीड़ को नियंत्रित करने के इंतजाम भी होंगे। अगर स्टेशन के अंदर पहले से ही पर्याप्त लोग होंगे तो बाद में आए लोगों को तुरंत प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

अधिकारी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो प्रवेशद्वार बंद कर दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी और फ्लू जैसे लक्षण होने पर प्रवेश करने से रोक दिया जाएगा।

इसके साथ ही सीआईएसएफ की एक टीम यात्रियों के बैठने की व्यवस्था की जांच भी करेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यात्री अधिक सटकर न बैठें। अधिकारी ने कहा कि जवान केवल सीमित लोगों को ही गाड़ियों के अंदर खड़ा होने देंगे।

संक्रमण से बचने के लिए प्रत्येक स्टेशन के प्रवेश और निकासद्वार के पास हैंड सैनिटाइटर की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा जो गार्ड ड्यूटी पर होंगे और सीधे संपर्क में आते हैं, उन्हें फेस मास्क और हाथ के दस्ताने पहनाए जाएंगे।

सीआईएसएफ की त्वरित प्रतिक्रिया टीमों को सुरक्षा बनाए रखने के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट दिया जाएगा।

हालांकि केंद्र द्वारा इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है कि मेट्रो सेवाएं कब शुरू की जाएंगी, मगर रविवार को देशव्यापी बंद का तीसरा चरण समाप्त हो रहा है और सोमवार से एक बार फिर बंद 4.0 शुरू हो जाएगा, जिसमें मेट्रो चलने की संभावना है। सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ विशेष मानदंडों के साथ पूरी तरह से तैयार है।

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