प्राणायाम: रोगों को दूर करे और आपकी आयु बढ़ाए
प्राणायाम: रोगों को दूर करे और आपकी आयु बढ़ाए
डिजिटल डेस्क। 21 जून को हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पूरे देश के लोग एक साथ मिलकर योग करते हैं। इस साल चौथी बार अतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। खुद को फिट रकने के लिए योग और प्राणायाम करना बेहद जरूरी है। इसके नियमित अभ्यास से शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है। ऐसे ही कुछ योग और प्राणायाम के बारे में आज हम आपको बताएंगे, जिनको करने से आपके शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है।
इस प्राणायाम में नाक से सांस लेने पर आवाज भट्टी में जलती लौ की तरह आती है। इस प्राणायाम को करने के लिए गहरी सांस लेते हुए अपने पेट का विस्तार करें, सांस छोड़ते हुए अपने पेट को पीठ की ओर चिपकाते हुए शरीर की पूरी हवा को बलपूर्वक बाहर छोड़ें। सांस लेते वक्त पेट का ज्यादा से ज्यादा विस्तार करें। ये प्राणायाम आप 1 से 2 मिनिट तक करें, इसके बाद आवश्यक रूप से आराम करें।
लाभ
फेफड़ों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
अस्थमा ठीक करने में मदद करता है।
अतिरिक्त चर्बी जलाने में मदद करता है।
शारीरिक और मानसिक क्षमताएं बढ़ाता है।
ध्यान रखने योग्य बात
आखिरी के तीन प्राणायाम उच्च रक्त चाप (हाई ब्लड प्रेशर) से पीड़ित व्यक्ति न करें।
प्रभावी परिणामों के लिए प्राणायाम सुखासन में बैठ कर आरामदायक अवस्था में करें।
एक सप्ताह तक इसे नियमित करने के बाद आप अपने हिसाब से इसका अभ्यास बढ़ा सकते है।
प्राणायाम के अच्छे परिणामों के लिए प्राणायाम के साथ संतुलित आहार लेना चाहिए।
एक हल्की सी हिस्स आवाज के साथ सांस लेते हैं। इस प्राणायाम की शुरुआत में साधारण तरीके से सांस लें और छोड़ें। अब सिर झुकाकर, हवा को रोकते हुए गले से आवाज करते हुए जितनी लम्बी सांस ले सकते हैं लें। 2 से 5 क्षणों के लिए रोकें। अपनी नाक के दाएं छिद्र को अंगूठे से बंद करें और बाएं छिद्र से सांस छोड़ें। ये प्रक्रिया आप 10 से 12 बार दोहराएं।
लाभ
शरीर में गर्मी बढ़ाता है।
ध्वनि आपके मन को शांत करती है और आपको एकाग्र बनाती है।
थायरॉइड को ठीक करता है।
खर्राटों को कम करता है।
यह प्राणायाम आराम से सांस लेने और बलपूर्वक छोड़ने की क्रिया है, सांस छोड़ने के दौरान आपके पेट की मांसपेशियां तेजी से हिलनी चाहिए। इस प्रक्रिया को 2 से 5 मिनट के लिए किया जाता है।
लाभ
पेट की चर्बी कम करता है।
वजन घटाने में मदद करता है।
शरीर में शक़्कर का संतुलन बनाए रखता है।
शरीर में रक्त संचार अच्छा करता है।
पेट के आसपास के अंगों जैसे लिवर, पैंक्रियास और किडनी को भी ठीक करता है।
इस प्राणायाम को बिना किसी आवाज के किया जाता है। इस प्रणायाम को करने के लिए आप अपने सीधे हाथ की तर्जनी उंगली और मध्यमा उंगली को बंद कर लें, अब अपनी नाक के दाएं छिद्र को अपने अंगूठे से बंद करें और बाएं छिद्र से सांस छोड़ें। सांस छोड़ने के बाद उसी छिद्र से दोबारा सांस लें और दो क्षण के लिए रोकें फिर अपनी नाक के बाएं छिद्र को अपनी अनामिका उंगली से बंद करें और दाएं छिद्र से सांस छोड़ें। इस प्रक्रिया को 2 से 5 मिनिट तक इसी प्रकार दोहराएं।
लाभ
याद्दाश्त बढ़ाने में मदद करता है।
रक्त शुद्धिकरण में मदद करता है।
ह्रदय रोगों से दूर रखता है।
रक्त चाप संतुलित रखने में लाभकारी होता है।
आंखों की रोशनी तेज करता है।
प्राणायाम या श्वास अभ्यास एक यौगिक शब्द है, जो दो शब्द यानि प्राण और आयाम से बना है। प्राण का अर्थ है श्वास लेना और आयाम का अर्थ है विस्तार। तो प्राणायाम का मतलब हुआ श्वास का विस्तार या फैलाव होना। प्रणायाम करते वक्त ध्यान सिर्फ श्वास लेने की प्रक्रिया पर होना चाहिए। जीवन अलग-अलग प्रणाली और अंगों पर निर्भर करता है, जैसे की पाचन तंत्र, संचार प्रणाली, नर्वस सिस्टम आदि। प्राणायाम शरीर के श्वसन अंग और प्रणालियों को मजबूत बनाता है। अगर प्राणायाम नियमित रूप से किया जाए, तो हर तरीके की बीमारी को रोका जा सकता है और उसका उपचार भी किया जा सकता है। तो आइए जानते हैं प्राणायाम के कुछ आसान प्रयोग...
इस आसन में सांस लेते समय भंवरे की तरह ह्म्म्म की आवाज होती है। इस प्राणायाम को करने के लिए अपने अंगूठों से कान बंद करें और तर्जनी उंगली अपने माथे पर रखें और बाकि तीनो उंगलियों से अपनी आंखे बंद कीजिए। अब धीरे धीरे नाक से सांस लेकर कुछ पल रोकें और फिर मुंह बंद रखकर धीरे धीरे हम्म की आवाज करते हुए सांस छोड़ें। 5 मिनट तक इस प्रक्रिया को दोहराएं।
लाभ
आवाज को व्यवस्थित रखने में मदद करता है।
आवाज में मिठास, सरलता और लय आजाती है।
गले की बीमारियों को ठीक कर अन्य बीमारियां होने से रोकता है।
तरोताजा महसूस होता है।