#Research_लड़कियों को निहारने में लाइफ का एक साल बिता देते हैं लड़के

#Research_लड़कियों को निहारने में लाइफ का एक साल बिता देते हैं लड़के

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-05 09:23 GMT
#Research_लड़कियों को निहारने में लाइफ का एक साल बिता देते हैं लड़के

डिजिटल डेस्क,भोपाल। अक्सर लड़के लड़कियों को घूरते हुए दिखाई दे ही जाते हैं। वो चाहे जहां भी हों उन्हें कोई ना कोई वजह मिल ही जाती है, जिससे वो लड़कियों को निहार सके। मूवी थियटर, शादी,पार्टी, रेस्टोरेंट्स और सड़कों पर तो जैसे लड़कों को घूरने का लाइसेंस ही मिल जाता हैं। ऐसी जगहों पर लड़के लड़कियों को तब तक घूरते हैं, जब तक लड़कियां उनकी नजरों से ओझल नहीं हो जाती हैं।

                                                                             

वहीं दफ्तर, स्कूल, कॉलेज और आसपास रहने वाली लड़कियों को झिझक के साथ ही सही, लेकिन घूरते जरूर हैं। क्या आप जानते हैं कि लड़के केवल लड़कियों को निहारने में अपनी जिंदगी का एक साल बिता देते हैं। एक रिसर्च में ये साबित हुआ है कि लड़के अपनी लाइफ के 365 दिन लड़कियों को घूरने में बिता देते हैं।

 

            

दिन 43 मिनट घूरते हैं लड़के

ब्रिटिश संस्था कोडैक लेन्स विजन एक रिपोर्ट के मुताबिक दिन भर में एक इंसान औसतन एक 2 नहीं बल्कि अलग-अलग 10 लड़कियों को घूर लेता है। लड़के रोज दो-चार मिनट नहीं, बल्कि औसतन 43 मिनट लड़कियों या महिलाओं को मुड़-मुड़कर घूरने पर या आंखें फाड़कर निहारने पर खर्च करते हैं।

                                                                       

नहीं छोड़ पाते आदत

लड़को की घूरने की आदत के पीछे कोई खराब नीयत या बीमारी नहीं हैं, बल्कि ये नॉर्मल इंसान की पहचान है। दरअसल इंसान में अपने से ऑपोजिट सेक्स को घूरने की फितरत होती है। इसे भगवान की देन ही कहा जा सकता हैं, इसलिए इंसान चाहकर भी घूरने की आदत छोड़ नहीं पाता है।

 

                               

लड़कियां भी नहीं हैं पीछे

अगर आप अब तक ये समझते आ रहे हैं कि लड़कियां तो लड़कों की तरफ ध्यान ही नहीं देती हैं और नाक की सीध में चल कर निकल जातीं हैं, तो जनाब अपनी सोच को अब बदल लीजिए, क्योंकि इस मामले में लड़कों की तरह लड़कियों को भी विपरीत सेक्स को घूरना अच्छा लगता है।

                  

लड़कियां भी लड़कों को घूरने में, आंखों से आंख मिलाने में, नजरों से ओझल होने तक आंखों में आंख डालकर रखने में पीछे नहीं हैं। अकेली होने पर लड़कियां बेशक चोरी-छुपे लड़कों को घूरने का या नजरों में नजरें गड़ाने का खेल कम खेले, लेकिन हमउम्र साथियों की मौजूदगी में लड़कियां भी उतनी ही ढीठपन से नजरों का खेल खेलती हैं, जितनी की लड़के।

                                                                             

लड़कों को घूरने में लड़कियां बिताती हैं 6 महीने 

रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक लड़कियां लड़कों से कम विपरित सेक्स को घूरती हैं, लेकिन ये भी जिंदगी का अच्छा खासा वक्त इस पर खर्च कर देती हैं। 18 से 50 उम्र की महिलाओं की राय को आधार बनाकर किए गए रिसर्च के मुताबिक लड़कियां या महिलाएं भी औसतन जिंदगी के पूरे 6 महीने विपरीत सेक्स को घूरने पर खर्च कर देती हैं। एक दिन में लड़कियां औसतन 20 मिनट लड़कों को निहारने में गंवा देतीं हैं। लड़कियां औसतन 6 लड़कों को हर दिन घूर लेती हैं। 


 

Similar News