केवल मां नहीं, पिता के धूम्रपान का भी होता है बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर
केवल मां नहीं, पिता के धूम्रपान का भी होता है बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर
डिजिटल डेस्क । ये तो सभी जानते है प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं का शराब पीना और धूम्रपान करना कितना खतरनाक हो सकता है। महिलाओं को लंबे समय से गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान के खतरों की चेतावनी दी जाती रही है, लेकिन निकोटीन से पुरुषों के भी संपर्क में आने से उनके बच्चों को भी नुकसान पहुंचता है। इस बात की पुष्टि एक अध्ययन में की गई है। बता दें, चूहों पर किए गए इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने ये निष्कर्ष निकाला है, जिसमें एक भारतीय मूल का वैज्ञानिक भी शामिल है। इस अध्ययन में पाया गया कि निकोटीन लेने के बाद पिता में तो सामान्य व्यवहार होता है, लेकिन उसके बेटे और बेटियों में इसके कारण हाइपरएक्टिविटी, अटेंशन डेफिसिट और कॉगनिटिव इनफ्लेक्सिविटी जैसी संज्ञानात्मक गड़बड़ियां हो सकती हैं।
अमेरिका के फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर प्रदीप भीडे ने बताया, "डॉक्टर पुरुषों को चेतावनी नहीं देते हैं कि उनके धूम्रपान करने से उनके बच्चे को नुकसान हो रहा है। ये नुकसान तब भी होता है, जब उनकी मां बिल्कुल भी धूम्रपान नहीं करती हैं।"
भीडे ने कहा, "हमारे आंकड़ों से पता चलता है कि आज की पीढ़ी के बच्चों और बड़ों में जो संज्ञानात्मक बीमारियां पाई जाती हैं, उनका कारण एक-दो पीढ़ी पहले निकोटीन का अत्यधिक संपर्क हो सकता है।"
इस वजह से बच्चे बन जाते हैं एग्रेसिव
अगर आपके बच्चे को बहुत ज्यादा गुस्सा आता है या फिर वो बहुत ज्यादा आक्रामक रहता है तो इसके पीछे की वजह चीनी हो सकती है। रिसर्च के मुताबिक, जो बच्चे ज्यादा चीनी खाते हैं, उनके हिंसक, एल्कोहॉलिक और सिगरेट पीने की लत पड़ने की ज्यादा संभावना होती है।
कई अध्ययनों का विश्लेषण करने पर पता चला कि ज्यादा शुगर खाने या पीने से 11 से 15 साल के बच्चों के बीच हिंसक रवैये का खतरा बढ़ जाता है। एक स्टडी के मुताबिक, अगर कोई बच्चा ज्यादा मिठाइयां और एनर्जी ड्रिंक लेता है तो उसके दूसरों के लिए खतरा बनने की संभावना ज्यादा रहती है। जबकि एक दूसरी स्टडी में बताया गया कि बच्चों में शुगर का हाई लेवल होने पर उनके झगड़े में पड़ने की संभावना दोगुनी हो जाती है, जबकि 95 फीसदी बच्चों को नशे की लत लगने की आशंका होती है।