#World Alzheimer Day, मोबाइल की लत बना रही युवाओं की यादाश्त को कमजोर 

#World Alzheimer Day, मोबाइल की लत बना रही युवाओं की यादाश्त को कमजोर 

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-22 09:59 GMT
#World Alzheimer Day, मोबाइल की लत बना रही युवाओं की यादाश्त को कमजोर 

डिजिटल डेस्क,भोपाल। आज की नई जेनरेशन टेक्नो एडिक्ट हो गई है। मोबाइल,टीवी,कंप्यूटर...जैसी चीजों के बिना इनका दिन ना तो शुरू होता है और ना ही खत्म होता है, लेकिन गैजेट्स की लत आपको बीमार और बहुत बीमार बना सकती है। खासकर मोबाइल की लत, ये आपकी कमजोर याददाश्त की वजह बन सकता है।

आज वर्ल्ड अल्जाइमर डे पर हम आपको गैजेट्स के कारण आपकी यादशत पर पड़ने वाले असर के बारे में बताएंगे। हाल ही में हुई एक रिसर्च में सामने आया है कि यादश्त कमजोर होना या बार-बार चीजों को भूल जाने का कारण मोबाइल एक बड़ी वजह है। 

रिसर्च के मुताबिक अगर आपको ठीक से नींद नहीं आती, आप एक जगह एकाग्र नहीं हो पाते, चीजें रखकर भूल जाते हैं और लोगों के नाम याद रखने में या बातचीत करने में भी तकलीफ होती है तो ये साफ है कि आप पर डिजिटल डिमेंशिया का खतरा बढ़ गया है।

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डिजिटल डिमेंशिया के शिकार में ज्यादातर टीनएज से लेकर 40 की उम्र तक के लोग शामिल हैं, क्योंकि इसी उम्र के लोग सबसे ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। इस उम्र के लोग एक से ज्यादा मोबाइल भी रखते है और गैजेट फ्रीक होते हैं। इसी वजह से डिजिटल डिमेंशिया रोग की तादाद समय के साथ लोगों में बढ़ती जा रही है।

डिजिटल डिमेंशिया के कारण

दिमाग में बीटा एमेलॉड नाम के प्रोटीन के जमा होने के कारण ये बीमारी होती है। दरअसल इसके कारण दिमाग के न्यूरोन्स नष्ट हो जाते हैं। इसी वजह से याद रखने की ताकत कम होने लगती है। 

बता दें कि डिमेंश‍िया को बुढ़ापे की बीमारी माना जाता है जो आमतौर पर 60 साल की उम्र के बाद होता है। लेकिन लाइफस्टाइल में आए बदलाव के कारण यह कम उम्र में भी देखने को मिल रही है।
 

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