मुख्तार अंसारी का निधन: पिता के मौत की खबर सुनते ही जेल में फूट-फूट कर रोने लगा अब्बास अंसारी, छोटे बेटे उमर ने लगाया हत्या का आरोप

  • मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से जेल में मौत
  • मौत की खबर सुनते ही रोने लगे अब्बास अंसारी
  • कासगंज जेल में है बंद

Ritu Singh
Update: 2024-03-29 03:38 GMT

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। कासगंज जेल में बंद सुभासपा विधायक और मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी को उनके पिता की मौत की खबर जेल में दी गई। जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह ने उन्हें यह दुखद समाचार दिया। पिता की मौत की खबर सुनते ही अब्बास अंसारी फूट-फूट कर रोने लगा। वहीं छोटे बेटे उमर अंसारी ने पिता की मौत को हत्या करार दिया है। एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान उन्होंने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उमर अंसारी ने पिता को जेल में जहर दिए जाने की बात कही है। साथ ही उन्होंने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उमर ने समर्थकों को ऐसा कुछ भी करने से मना किया है जो कानून की नजर में अपराध है।

'खाने में दिया गया जहर'

एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी ने जेल प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनके पिता मुख्तार अंसारी की जेल में जहर देकर हत्या की गई है। उमर अंसारी ने कहा, "मेरे पिता को खाने में जहर दिया और इलाज मुकम्मल नहीं दिया गया। यह मौत नहीं है, हत्या है। लीगल तरीके से जो जांच करवाने के प्रयास होंगे वो हम करेंगे। मुझसे साढ़े तीन बजे बात हुई तो बताया था कि मैं बेहोश हो गया। मुट्ठी नहीं बंद कर पा रहे थे कि इतनी कमजोरी थी। आने को कहा तो बोले मत आना। उन्हें एहसास था।"

उमर अंसारी ने मौत की जांच की भी अपील की है। उमर ने कहा कि उनकी तरफ से लीगल तरीके से जांच करवाने की कोशिश की जाएगी। मौत से पहले उमर की उनके पिता मुख्तार अंसारी से बात हुई थी। पिता से हुई बातचीत के बारे में बताते हुए उमर अंसारी ने कहा, "मुझसे साढ़े तीन बजे बात हुई तो बताया था कि मैं बेहोश हो गया। मुट्ठी नहीं बंद कर पा रहे थे कि इतनी कमजोरी थी। आने को कहा तो बोले मत आना। उन्हें एहसास था।"

पैरोल पर बाहर आएंगे अब्बास?

पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अब्बास अंसारी के परिवार ने कोर्ट में पैरोल के लिए अपील की है। भाई के जेल से बाहर आने पर उमर अंसारी ने कहा कि अब्बास अंसारी सिटिंग विधायक हैं और मानवता के आधार पर उन्हें पिता की अंतिम रश्म में शामिल होने की इजाजत मिलनी चाहिए। अंतिम रस्मों के बाद प्रशासन उन्हें वापस ले जा सकता है। आपको बता दें अब्बास अंसारी को कुछ ही समय पहले चित्रकूट जेल से कासगंज शिफ्ट किया गया है। 

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