भारत का प्रहार: कनाडा सरकार पर नकेल कसने के लिए भारत सरकार ने बढ़ाई सख्ती, 40 राजनयिकों को घर लौटने को कहा

  • भारत सरकार का कनाडा पर प्रहार
  • भारत के 40 राजनयिक लौटेंगे स्वदेश

Raj Singh
Update: 2023-10-03 06:04 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत-कनाडा के बीच खालिस्तान को लेकर विवाद थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है। लंबे समय से विवाद चले आ रहे के बीच कनाडा से जुड़ी अहम खबर आ रही है। एबीपी न्यूज के मुताबिक, कनाडा में रह रहे भारतीय अधिकारियों से भारत ने कहा है वे 10 अक्टूबर तक वो स्वदेश लौट आए। खबरें ये भी हैं कि, भारत ने 40 राजनयिकों को भारत आने की बात कही है और उन्हें सख्त निर्देश भी दिए गए हैं कि अगर वो तय समय पर स्वेदश नहीं लौटते हैं तो उनकी राजनयिक छूट वापस ले ली जाएगी।

कनाडा में भारत की ओर से 62 राजनयिक काम कर रहे हैं। अब इन्हीं में से 40 को वापस बुलाने की बात सामने आ रही है। कनाडा और भारत के राजनयिक को लेकर बीते दिनों विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि, भारत में कनाडा के राजनयिक स्टाफ, भारत के कनाडा में मौजूद राजनयिक स्टाफ से बड़ा है और इसमें समानता होनी चाहिए। लेकिन भारत सरकार की ओर से अभी ये पुष्टि नहीं की गई है कि भारत अपने राजनयिकों को इतनी संख्या में कनाडा से निकाल रहा है।

कनाडा बना खालिस्तानियों का एपिसेंटर

भारत सरकार इससे पहले कनाडाई लोगों को भारत में आने के लिए पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। हाल ही में भारत सरकार ने कनाडाई लोगों की बिजा निलबिंत कर दिया था। बिजा निलबिंत करने से पहले भारत में रह रहे कनाडाई राजनयिक को निलबिंत किया गया था। दोनों देशों के बीच इन दिनों हालात बेहद ही नाजूक बने हुए हैं। भारत हमेशा से खालिस्तानियों के निशाने पर रहा है। कनाडा खालिस्तानियों का एपिसेंटर बना हुआ है लेकिन कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो अभी तक किसी प्रकार का कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।

क्यों गरमाया है मामला?

भारत और कनाडा के बीच खालिस्तान को लेकर जंग छिड़ी हुई है। दोनों देश आमने-सामने हैं। हाल ही में कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या करने का आरोप लगाया था। ट्रूडो ने कहा था कि, भारत सरकार ने एजेंट के द्वारा कनाडा में स्थित निज्जर की हत्या करवाई है, जो पूरी तरह से अवैध है। कनाडाई पीएम के इस आरोप पर भारत ने भी कड़ी प्रतिकिया दिया है। भारत सरकार ने ट्रूडो के बयान को बेतुका बताते हुए कहा था कि, इस मामले से भारत सरकार का कोई लेना देना नहीं है। कनाडा अपने हित साधने के लिए बेबुनियाद आरोप लगा रहा है।

Tags:    

Similar News