जानिए 12वीं टॉपर क्यों चला संन्यास की राह पर ?

जानिए 12वीं टॉपर क्यों चला संन्यास की राह पर ?

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-07 05:35 GMT
जानिए 12वीं टॉपर क्यों चला संन्यास की राह पर ?

टीम डिजिटल,अहमदाबाद. गुजरात बोर्ड में अव्वल आए वर्शिल शाह ने 12वीं बोर्ड परीक्षा में 99.9 प्रतिशत मार्क्स लाने के बाद भी जैन संत बनने की सोची है. मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले 17 साल के वर्शिल शाह ने सोचा कि वह कोई इंजिनियर या डॉक्टर नहीं, बल्कि एक जैन भिक्षु बनेगा. आगामी 8 जून को वर्शिल जैन संत  बनने के लिए दीक्षा लेंगे. वार्शिल के चाचा नयनभाई सुठारी ने बताया कि दीक्षा कार्यक्रम गांधीनगर में आयोजित किया जाएगा.

वार्शिल के चाचा ने कहा, ‘वैसे तो परीक्षा परिणाम उसकी उम्मीदों के अनुरूप है, लेकिन दुनिया में शांति की स्थापना के लिए यही रास्ता बेहतर है।’ वर्शिल की माता अमिबेन शाह और पिता जिगरभाई आयकर विभाग में काम करते हैं। वह खुश हैं कि उनके बेटे ने यह रास्ता चुना. इस दंपति ने बेटे वर्शिल और बड़ी बेटी जैनिनी का पालन बेहद साधारण तरीके से किया है. वह जैन धर्म के कितने बड़े अनुयायी हैं, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि घर में बिजली के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है. परिवार का मानना है कि बिजली पैदा करने की प्रक्रिया में कई मासूम जानवरों की जान जाती है, जो कि जैन धर्म के खिलाफ है. घर में टीवी और फ्रिज भी नहीं है.बिजली का इस्तेमाल सिर्फ तभी किया जाता है जब बहुत आवश्यक हो, जैसे रात में पढ़ाई के वक्त.

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