मणिपुर में हिंसा: उग्रवादियों ने सीआरपीएफ कैंप पर किया हमला,उपद्रवियों ने 3 जिलों में की फायरिंग

  • कुकी और मैतेई समुदाय के बीच संघर्ष का
  • CRPF की 128 वीं बटालियन
  • बिष्णुपुर जिले के नारानसेना इलाके में तैनात CRPF

ANAND VANI
Update: 2024-04-27 03:18 GMT

डिजिटल डेस्क, इंफाल। कई दिनों से जारी मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। कुकी और मैतेई समुदाय के बीच संघर्ष का दौर जारी है। खबरों के मुताबिक कुकी उग्रवादियों ने शुक्रवार की आधी रात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल पर हमला कर दिया, जिसमें सीआरपीएफ के दो जवान शहीद हो गए।

आपको बता दें बीते साल 3 मई को मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में और हाईकोर्ट के आदेश के बाद मणिपुर में हिंसा भड़क उठी थी।मणिपुर में हिंसा के दौरान करीब 180 से अधिक आदिवासी और अन्य लोगों की मौत हो गई है। मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

हाल ही में सीआरपीएफ बटालियन पर हुए हमले के बारे में मणिपुर पुलिस ने जानकारी दी कि शुक्रवार देर रात से करीब सुबह सवा दो बजे के बीच कुकी उग्रवादियों ने सीआरपीएफ बटालियन पर हमला कर दिया।जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के दो जवानों की जान चली गई। ये दोनों जवान मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के नारानसेना इलाके में तैनात CRPF की 128 वीं बटालियन के थे।इससे पहले उपद्रवियों ने तीन जिलों कांगपोकपी, उखरूल और इंफाल पूर्व के ट्राइजंक्शन जिले में एक दूसरे पर गोलीबारी की। इस फायरिंग में कुकी समुदाय के 2 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद थौबल जिले के हेइरोक और तेंगनौपाल के बीच 2 दिन की क्रॉस फायरिंग के बाद इम्फाल पूर्वी जिले के मोइरंगपुरेल में फिर से हिंसा भड़क उठी। जिसमें कांगपोकपी और इंफाल पूर्व दोनों के हथियारबंद उपद्रवी शामिल थे।

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