अमित शाह ने की नई सहकारिता नीति लाने की घोषणा, कहा-  कानून में होंगे बदलाव किया 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की नई सहकारिता नीति लाने की घोषणा, कहा-  कानून में होंगे बदलाव किया 

Bhaskar Hindi
Update: 2021-09-25 12:14 GMT
हाईलाइट
  • कामकाज में सुधार के लिए कानूनों में बदलाव किया जायेगा- मंत्री शाह
  • केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने किया पहले राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन को सम्बोधित

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सहकारिता मंत्री अमित शाह ने देश के आर्थिक विकास में सहकारिता की भूमिका को रेखांकित करते हुए आज कहा कि, इसके लिए गांव गांव में सहकारी समितियों का गठन किया जायेगा , नई सहकारी नीति लायी जायेगी और कानून में बदलाव किया जायेगा । श्री शाह ने सहकारिता मंत्री बनने के बाद पहले राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2021 ..22 में नई सहकारिता नीति लायी जायेगी और इसके कामकाज में सुधार के लिए कानूनों में बदलाव किया जायेगा । गांव में प्राथमिक सहकारिता समिति (पैक्स) के गठन के लिए भी कानूनी व्यवस्था की जायेगी ताकि देश में तीन लाख पैक्स का गठन हो सके । वर्तमान में करीब दस गांवों पर पैक्स की व्यवस्था है । उन्होंने कहा कि, सहकारिता के विकास के लिए राज्यों के साथ सहकारभाव से काम किया जायेगा और उनके साथ कोई टकराव नहीं होगा । उन्होंने सहकारिता क्षेत्र में आंतरिक परिवर्तन की जरुरत पर बल देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में चुनाव और भर्ती पारदर्शी तरीके से होगी तथा कर्मचारियों का कौशल विकास करने के साथ ही उन्हें प्रशिक्षित किया जायेगा । 

श्री शाह ने कहा कि सहकारिता के विस्तार के लिए साफ नियत के साथ संकल्प लेना होगा और कठोर परीश्रम के साथ संघवाद के भाव से काम करना होगा तभी सफलता मिलेगी । उन्होंने सहकारिता की प्रासंगिकता पर सवाल उठाने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह आज सबसे अधिक प्रासंगिक है । सहकारिता की आर्थिक शक्ति भले ही कम हो लेकिन इससे सम्बद्ध लोंगों की ताकत बहुत अधिक है । करीब 25 साल से सहकारिता आन्दोलन से जुड़े श्री शाह ने कहा कि इस क्षेत्र ने 1904 के बाद अब तक अनेक मुकाम देखे हैं । गुजरात में अमूल की स्थापना अंग्रेजों के खिलाफ 1946 में हुयी थी और आज इसका कारोबार 53 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है । करीब 36 लाख किसान परिवार इससे जुड़े हैं । इसके पास 87 दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र हैं जिसमें 3.9 करोड़ टन दूध को प्रसंस्कृत किया जा सकता है । इसी तरह 1959 में गठित लिज्जत पापड़ सहकारी समिति का कारोबार 1600 करोड़ रुपये पहुंच गया है और इससे 45 हजार महिलायें जुड़ी हुयी हैं । उन्होंने इफको को हरित क्रांति को नयी दिशा देने वाला बताते हुए कहा कि इससे 36000 सहकारी समितियां जुड़ी हुयी है । यह पांच करोड़ पचास लाख किसानों को लाभांश देती है । इस कम्पनी ने देश की जरुरतों की उर्वरक की जिम्मेदारी ले रखी है और नैनो तकनीक में भारी योगदान किया है । 
(वार्ता)

वीडियो- Bharatiya Janata Party

 

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