पाक ध्यान रखे, हम सैन्य कार्रवाई का दायरा बढ़ा भी सकते हैं : आर्मी चीफ

पाक ध्यान रखे, हम सैन्य कार्रवाई का दायरा बढ़ा भी सकते हैं : आर्मी चीफ

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-15 11:38 GMT
पाक ध्यान रखे, हम सैन्य कार्रवाई का दायरा बढ़ा भी सकते हैं : आर्मी चीफ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय सेना आज अपना 70वां सेना दिवस मना रही है। आज ही के दिन सन् 1949 में जनरल केएम करिअप्पा आजाद भारत के पहले सेना प्रमुख बने थे। इस खास मौके पर तीनों सेना प्रमुखों ने सोमवार सुबह इंडिया गेट पर जाकर अमर जवान ज्योति पर शहीदों को नमन किया। इसके बाद नई दिल्ली में करियप्पा परेड ग्राउंड पर सेना की परेड हुई और वीर जवानों का सम्मान किया गया। आर्मी चीफ बिपिन रावत ने इस दौरान परेड की सलामी ली। इस कार्यक्रम में सेना के 15 वीर जवानों को मेडल दिए गए, जिनमें से पांच मेडल शहीद जवानों के परिवार को सौंपे गए।

परेड के बाद आर्मी चीफ ने कड़े शब्दों में पाकिस्तान को चेतावनी दी। उन्होंने कहा, "पाकिस्तानी सेना जितने आतंकी सीमा पार से भेजेगी हम उतने मारते रहेंगे और अगर पाक सेना आतंकियों की मदद करना नहीं छोड़ती है तो हम उन्हें भी निशाना बनाएंगे।" आर्मी चीफ ने कहा, "हम पाकिस्तान को यह बताना चाहते हैं कि हम सैन्य कार्रवाई के दर्जे को बढ़ाते हुए अन्य कार्रवाई भी कर सकते हैं। पाकिस्तान लगातार सीजफायर वायलेशन कर रहा है। कश्मीर में अलगाववादियों की मदद कर वह हमारी राष्ट्रीय एकता पर प्रहार कर रहा है। हमारी सेना पाकिस्तान की इन कोशिशों को नाकाम करती रही है और आगे भी हम उसे मुंहतोड़ जवाब देते रहेंगे।

बिपिन रावत ने इस दौरान उन सैनिकों को भी याद किया जिन्होंने देश की रक्षा में अपना जीवन बलिदान कर दिया। उन्होंने कहा, "हम उन शहीदों को नमन करते हैं जिन्होंने देश की सेवा में अपना जीवन बलिदान कर दिया। हम उन्हें कभी नहीं भूल सकते।" कश्मीर में हो रही मुठभेड़ों पर उन्होंने कहा कि कश्मीर में शांति बहाल करने के लिए हर संभव कोशिश जारी है। उन्होंने कहा, "कश्मीर में हमारे कई वीरों ने जान की बाज़ी लगाई है, जिनमें उमर फैयाज भी शामिल है। हम समाज में दरार पैदा करने के पाकिस्तानी और अलगाववादियों के प्रयासों को कामयाब नहीं होने देंगे।

गौरतलब है कि भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था लेकिन आजादी के तुरंत बाद भारत को सैन्य कमांड हासिल नहीं हुई थी। इंडियन आर्मी के चीफ उस समय ब्रिटीश ही थे। आजादी के डेढ़ साल बाद यानी 15 जनवरी 1949 को पहली बार इंडियन आर्मी की कमान एक भारतीय को सौंपी गई थी। फील्ड मार्शल के.एम.करियप्पा ने इस दिन ब्रिटिश कमांडर इन चीफ जनरल सर फ्रांसिस बूचर से भारतीय थल सेना के कमांडर इन चीफ का प्रभार संभाला था। इसी याद में हर साल 15 जनवरी को आर्मी डे मनाया जाता है।
 

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