भागलपुर दंगा: केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के पुत्र समेत 9 के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

भागलपुर दंगा: केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के पुत्र समेत 9 के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-25 05:24 GMT
भागलपुर दंगा: केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के पुत्र समेत 9 के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

डिजिटल डेस्क, पटना। भागलपुर में बीते शनिवार को हुए उपद्रव के बाद सुर्खियों में आए अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत चौबे पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। भागलपुर की अदालत ने र्जित शाश्वत अश्विनी चौबे के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया है। भागलपुर एसएसपी ने इसकी पुष्टि कर दी है। भागलपुर के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अंजनी कुमार श्रीवास्तव की अदालत से गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है। जिले के नाथनगर थाना के आवेदन पर अर्जित शाश्वत चौबे सहित दूसरे नामजद लोगों के खिलाफ भी वारंट जारी किया गया है।

 

 

नाथनगर थाना क्षेत्र में लगाए भड़काऊ नारे

गौरतलब है कि बीते शनिवार को हिंदू नव वर्ष को लेकर शहर में जुलूस निकाला गया था। बाइक जुलूस ने भागलपुर के नाथनगर थाना क्षेत्र के कई इलाकों में घूमकर भड़काऊ नारे लगाए थे। नाथनगर के चंपानगर गांव में जुलूस के बाद जमकर हिंसा हुई थी। इसके बाद में पुलिस ने घटना के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कर ली। प्राथमिकी में अर्जित शाश्वत चौबे को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। नाथनगर थाना की मांग पर अदालत ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत चौबे, अभय कुमार, सोनू घोष, प्रमोद वर्मा, देव कुमार पांडे, संजय भट्ट, सुरेंद्र पाठक, अनूप लाल साह और प्रणव साह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। 

 

SSP बोले जल्द होगी गिरफ्तारी

बता दें कि इन सभी लोगों के खिलाफ शहर में बिना अनुमति के जुलूस निकालकर माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया गया है। भागलपुर के एसएसपी मनोज कुमार ने आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी का दावा किया है। एसएसपी ने बताया कि कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद संबंधित थाना को इनकी गिरफ्तारी का आदेश दे दिया गया है और बहुत जल्द इन अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जाएगी। पुलिस अरिजित शाश्वत को तलाश रही है।

 

 

मिल सकती हैं जमानत


हालांकि आरोपियों पर जिन धाराओं के तहत वारंट जारी किया गया है, उनमें दो धारा को छोड़कर अन्य धाराओं में कोर्ट या थाने से ज़मानत मिल सकती है। बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता भी मानते हैं कि 17 मार्च को निकाले गए जुलूस की कोई इजाजत नहीं थी। उन्होंने ज़िला प्रसासन के पास लिखित आवेदन दिया था। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शनिवार को सवाल किया कि जब अनुमति नहीं दी गयी तब पुलिस की व्यवस्था कैसे पूरे रास्ते में कर दी गई।

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