मोटी तनख्वाह छोड़ देश लौटे शहीद के 50 दोस्त, सेना में शामिल होकर लेंगे बदला

मोटी तनख्वाह छोड़ देश लौटे शहीद के 50 दोस्त, सेना में शामिल होकर लेंगे बदला

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-03 07:05 GMT
मोटी तनख्वाह छोड़ देश लौटे शहीद के 50 दोस्त, सेना में शामिल होकर लेंगे बदला
हाईलाइट
  • आतंकियों ने 14 जून को औरंगजेब का अपहरण किया था।
  • आमतौर पर सऊदी में नौकरी अचानक छोड़ने की अनुमति नहीं है।
  • औरंगजेब छुट्टी लेकर ईद मनाने घर जा रहे थे।

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। आतंकियों ने सेना के जिस जवान औरंगजेब की 14 जून को हत्या कर दी थी, उसके 50 दोस्त औरंगजेब की मौत का बदला लेने सऊदी अरब से वापस कश्मीर आ गए हैं। खाड़ी देशों में मोटी तनख्वाह पर काम कर रहे 50 युवकों को जैसे ही अपने दोस्त औरंगजेब की हत्या की खबर मिली, उन्होंने कश्मीर में अपने गांव सलानी लौटने का फैसला कर लिया। सभी 50 युवक अब पुलिस और सेना में भर्ती होकर औरंगजेब की हत्या का बदला लेंगे। मोहम्मद ताज और मोहम्मद किरामत ने बताया कि औरंगजेब की मौत की खबर मिलते ही सभी ने बदला लेने की ठान ली थी। आमतौर पर सऊदी में नौकरी अचानक छोड़ने की अनुमति नहीं है, लेकिन हमारा मकसद औरंगजेब की शहादत का बदला लेना है, इसलिए हमने किसी तरह नौकरी छोड़ दी।

 

 

मिला था गोलियों से छलनी शव
आतंकियों ने 14 जून को औरंगजेब का अपहरण किया था। उस रात ही कश्मीर के पुलवामा में उनका गोलियों से छलनी शव मिला था। औरंगजेब छुट्टी लेकर ईद मनाने घर जा रहे थे। औरंगजेब के पिता मोहम्मद हनीफ ने उस समय अपने बेटे की मौत का बदला खुद लेने की बात कही थी। सेना में नौकरी कर रहे औरंगजेब के भाई मो. कासिम ने बताया कि औरंगजेब की मौत के जिम्मेदार आतंकियों को निर्देश देने वाले उनके आका हैं। सेना की कार्रवाई और चेतावनी के बाद भी आतंकी बेखौफ घूम रहे हैं। आतंकियों ने औरंगजेब को मारने से पहले उनका वीडियो भी बनाया था। 

 

चाचा की भी आतंकियों ने की थी हत्या
आतंकियों ने 2014 में औरंगजेब के चाचा को अगवा कर उनकी हत्या कर दी थी। पुंछ में जब औरंगजेब को सुपुर्द-ए-खाक किया जा रहा था, उस समय वहां हजारों लोग मौजूद थे। बता दें कि औरंगजेब के पिता हनीफ सेना से रिटायर्ड हैं। आतंकी इस समय सेना और पुलिस के जवानों को अगवा कर रहे हैं। आतंकियों ने कॉन्स्टेबल जावेद अहमद डार को किडनैप कर 6 जुलाई को उनक हत्या कर दी थी। उनका शव कुलगाम के सेरपोरा में सड़क किनारे मिला था, जावेद के सिर पर गोलियां मारी गई थीं। आतंकियों ने 29 जुलाई को पुलिसकर्मी मुदासिर लोन को किडनैप किया था। मुदासिर की मां की अपील के बाद उसे दो दिन के अंदर छोड़ दिया गया था।

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