अयोध्या: राम मंदिर का भूमिपूजन रोकने के लिए इलाहबाद कोर्ट याचिका, दिल्ली के पत्रकार ने चीफ जस्टिस को भेजी लेटर पिटीशन

अयोध्या: राम मंदिर का भूमिपूजन रोकने के लिए इलाहबाद कोर्ट याचिका, दिल्ली के पत्रकार ने चीफ जस्टिस को भेजी लेटर पिटीशन

Bhaskar Hindi
Update: 2020-07-23 20:52 GMT
अयोध्या: राम मंदिर का भूमिपूजन रोकने के लिए इलाहबाद कोर्ट याचिका, दिल्ली के पत्रकार ने चीफ जस्टिस को भेजी लेटर पिटीशन
हाईलाइट
  • 5 अगस्त को प्रस्तावित भूमि पूजन पर रोक लगाने की मांग की गई
  • PIL में कहा गया कि भूमि पूजन कोविड -19 के अनलॉक- 2 की गाइडलाइन का उल्लंघन

डिजिटल डेस्क, प्रयागराज। कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए अनलॉक- 2 की गाइडलाइन का उल्लंघन का हवाला देते हुए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को प्रस्तावित भूमि पूजन पर रोक लगाने की मांग की गई है। इसे लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को लेटर पिटीशन भेजी गई है। चीफ जस्टिस से लेटर पिटीशन को जनहित याचिका के तौर पर स्वीकार करते हुए भूमि पूजन के कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की गई है।

दिल्ली के पत्रकार साकेत गोखले की ओर से भेजी गई लेटर पीआईएल में कहा गया कि राम मंदिर निर्माण के लिए होने वाला भूमि पूजन कोविड -19  के अनलॉक- 2 की गाइडलाइन का उल्लंघन है। कहा गया है कि भूमि पूजन में लगभग 300 लोग एकत्र होंगे, जो  कोविड-19 के नियमों के विपरीत होगा।

संक्रमण बढ़ने का खतरा बताया वजह
लेटर पिटीशन के माध्यम से भूमि पूजन के कार्यक्रम पर रोक लगाए जाने की मांग की गई है। कहा गया है कि भूमि पूजन का कार्यक्रम होने से कोरोना के संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ेगा। यह भी कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार केंद्र की गाइडलाइन में छूट नहीं दे सकती। कोरोना संक्रमण के कारण ही बकरीद पर सामूहिक नमाज़ की इजाजत नहीं दी गई है। लेटर पिटीशन में राम मंदिर ट्रस्ट के साथ ही केंद्र सरकार को भी विपक्षी के तौर पर पक्षकार बनाया गया है। 

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