यूपी: अब बाबा साहब के नाम में होगा बदलाव, जोड़ा जाएगा 'रामजी'

यूपी: अब बाबा साहब के नाम में होगा बदलाव, जोड़ा जाएगा 'रामजी'

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-29 05:32 GMT

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के नाम के आगे अब ""रामजी"" लगाना होगा। राज्यपाल राम नाईक की सिफारिश के आधार पर योगी सरकार ने सभी सरकारी अधिकारी को यह आदेश जारी किया है कि अब सभी सरकारी रिकॉर्ड और दस्तावेज में आधिकारिक तौर पर डॉ. बीआर आंबेडकर के साथ उनका मिडिल नेम "रामजी" का इस्तेमाल किया जाएगा। हर सरकारी रिकॉर्ड में बाबा साहेब के नाम के साथ रामजी भी जोड़ना होगा। 
 

हर सरकारी कागजात में दर्ज होगा ये नाम


अब हर सरकारी दस्तावेजों और रिकॉर्ड में भीमराव रामजी आंबेडकर लिखा जाएगा। बता दें कि बीआर आंबेडकर का पूरा नाम भीमराव रामजी आंबेडकर है। जिन्हें बाबा साहब के नाम से भी जाना जाता है। योगी सरकार ने डॉ आंबेडकर के मिडिल नेम का इस्तेमाल अब सरकारी कार्यों के लिए अनिवार्य कर दिया है। बुधवार को इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया। दरअसल पिछले साल दिसम्बर में राज्यपाल राम नाइक ने बाबा साहेब के मौजूदा नाम पर नाराजगी जाहिर की थी।

 

 

राज्यपाल ने जताई थी नाराजगी

उन्होंने कहा था कि किसी भी व्यक्ति का नाम उसी तरह लिखा जाना चाहिए जिस प्रकार से वह स्वयं लिखता हो। इस दृष्टि से भारत का संविधान की मूल हिन्दी प्रति के पृष्ठ 254 पर किए गए हस्ताक्षर (भीमराव रामजी आंबेडकर) के अनुसार, बाबा साहब का नाम डॉक्टर ‘भीमराव रामजी आंबेडकर’ लिखा जाना उचित होगा न कि डॉक्टर ‘भीम राव अम्बेडकर’। भीमराव एक ही शब्द है। गौरतलब है कि आगरा स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के नाम में अंबेडकर की जगह आंबेडकर लिखने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। बता दें कि 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती भी है।

 

हालांकि राजनीतिक रूप से इस बदलाव के कई मायने निकाले जा रहे हैं। समाजवादी पार्टी के मुताबिक काफी समय से इस बदलाव की बात की जा रही थी, लेकिन अब तक इस पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया। ऐसे में फूलपुर-गोरखपुर उपचुनाव के नतीजे के बाद यूपी सरकार का यह निर्णय कई सवाल खड़े करता है। वैसे योगी सरकार ने यह फैसला राज्यपाल राम नाईक के सुझाव पर लिया है। बता दें कि आंबेडकर महाराष्ट्र से ताल्लुक रखते थे और महाराष्ट्र में अपने नाम के साथ पिता का नाम लगाने की परंपरा है। ऐसे में नाईक का कहना था कि बाबा साहेब के नाम के साथ भी उनके पिता का नाम जोड़ा जाना चाहिए।

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