पासवान जयंती से पहले फिर आमने सामने हुए चाचा-भतीजा, यात्रा पर टिकी बीजेपी की नजर

पासवान जयंती से पहले फिर आमने सामने हुए चाचा-भतीजा, यात्रा पर टिकी बीजेपी की नजर

Juhi Verma
Update: 2021-07-02 12:15 GMT
पासवान जयंती से पहले फिर आमने सामने हुए चाचा-भतीजा, यात्रा पर टिकी बीजेपी की नजर
हाईलाइट
  • चाचा पशुपति नाथ पारस ने साधा निशाना
  • चिराग पासवान की आशीर्वाद यात्रा पर बीजेपी की नजर

डिजिटल डेस्क, पटना। पूर्व केंद्रीय मंत्री व लोजपा के संस्थापक राम विलास पासवान के निधन के बाद 5 जुलाई को उनकी पहली जयंती है। इस मौके पर दोनों ही गुट अपनी ताकत दिखाने में जुट गए हैं, चिराग पासवान जयंती को यादगार बनाने के लिए "आशीर्वाद यात्रा" शुरू करेंगे।  दिलचस्प बात यह है कि ये यात्रा हाजीपुर से शुरू होगी। हाजीपुर चिराग के चाचा पशुपति पारस का संसदीय क्षेत्र है। इस सीट से राम विलास कई बार सांसद रह चुके हैं।

इस यात्रा को लेकर अंदरूनी विवाद खुलकर सामने आ रहा है। पिता की जयंती पर बिहार आ रहे चिराग पासवान उसी दिन हाजीपुर से आशीर्वाद यात्रा शुरू करेंगे। इस बीच उनके चाचा और पार्टी में एक गुट के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष पशुपति कुमार पारस ने भतीजे पर विरोधी सुर तेज़ किए हैं।उन्‍होंने कहा कि चिराग किस बात के लिए आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे हैं। उन्‍हें तो श्रद्धांजलि यात्रा निकालनी चाहिए। पारस ने कहा कि चिराग का संसदीय निर्वाचन क्षेत्र जमुई है। इसलिए उन्‍हें हाजीपुर की बजाय जमुई जाना चाहिए।पशुपति पारस पटना के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए खुद देशभर के पार्टी नेताओं और दलित सेना के जन-जन से खुद संपर्क कर रहे हैं। पारस गुट के प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने बताया कि निधन के बाद राम विलास पासवान की पहली जयंती ऐतिहासिक होगी। इसे पार्टी कार्यालय में ही कोविड नियमों का पालन करते हुए मनाया जाएगा, इसके अलावा राज्यभर में कई जगह पार्टी कार्यकर्ता जयंती कार्यक्रम मनाने में लगे हैं। 

वहीं दूसरी ओर चिराग भी अपने चाचा पर हमला बोलने की पूरी तैयारी में जुटे हुए हैं। जिसके लिए उन्होंने पटना से लेकर हाजीपुर और राज्य के अलग-अलग जिलों में पूरी रणनीति बना ली है। चिराग का कहना है पार्टी में जो कुछ हो रहा है, उसे देखकर पिताजी की आत्मा दुखी हो रही होगी। उनकी मौत को एक साल भी पूरे नहीं हुए और घर के लोगों ने ही उनके सपनों को तोड़ दिया। बिहार में होने वाली इस यात्रा से यह तय है कि एलजेपी के अंदर की खींचतान अब साफ़ तौर पर जनता के बीच आने वाली है। वहीं इस मुश्किल वक़्त में चिराग भाजपा से मदद की उम्मीद कर रहे हैं।
 

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