बिहार : सूखा प्रभावित क्षेत्रों के परिवारों को 3 हजार रुपये की मदद

बिहार : सूखा प्रभावित क्षेत्रों के परिवारों को 3 हजार रुपये की मदद

IANS News
Update: 2019-09-13 18:30 GMT
बिहार : सूखा प्रभावित क्षेत्रों के परिवारों को 3 हजार रुपये की मदद

पटना, 13 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार सरकार ने इस साल सूखा प्रभावित 18 जिलों के 102 प्रखंडों के 896 पंचायतों के सभी परिवारों को तीन-तीन हजार रुपये की तत्काल सहायता देने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को यहां हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।

म्ांत्रिपरिषद की बैठक के बाद आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने पत्रकारों को बताया कि राज्य के 18 सूखा प्रभावित जिलों के कुल 102 प्रखंडों के 896 पंचायतों में जहां वर्षापात में 30 प्रतिशत से अधिक की कमी दर्ज की गई है, जिससे खरीफ फसल का 70 प्रतिशत से कम आच्छादन हुआ है, वहां तत्काल सहायता के रूप में 3,000 रुपये प्रति परिवार नगद राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

उन्होंने बताया कि सूखा प्रभावित इन प्रखंडों और पंचायतों के चुनाव तीन मापदंडों के आधार पर किया गया। उन्होंने कहा कि इसके लिए बिहार आकस्मिकता निधि से 900 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

मंत्रिपरिषद की बैठक में कुल 19 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।

कृषि विभाग के सचिव एन. श्रवणन ने बताया कि मंत्रिपरिषद की बैठक में कृषि रोड मैप के तहत जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम को लेकर 2019-20 से 2023-24 तक के लिए कुल 60 करोड़ 65 लाख रुपये की योजना की स्वीकृति दी गई। इस वित्त वर्ष में 13 करोड़ 93 लाख रुपये की निकासी व खर्च की स्वीकृति दी गई है।

उन्होंने बताया, जलवायु के अनुरूप कृषि में बदलाव को लेकर पहल की जा रही है। इसमें किसान को जलवायु के अनुरूप फसल में कैसे बदलाव लाया जाए तथा कैसी वेराइटी दी जाए, जो कम पानी में भी जीवित रह सके। वर्तमान में उपलब्ध तकनीक को किसानों के खेत तक पहुंचाने तथा जलवायु अनुकूल तकनीक के अनुसार किसानों को सक्षम बनाने के उद्देश्य से अनुसंधान कार्य किए जाएंगें।

उन्होंने बताया, यह योजना बोरलॉग इंस्टीच्यूट फॉर साउथ एशिया, डॉ़ राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा (समस्तीपुर), बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर (भागलपुर), तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् पूर्वी क्षेत्र, पटना के द्वारा क्रियान्वित की जाएगी।

उन्होंने बताया, इस तरह की कृषि के साथ वहां पर स्थानीय स्तर पर अनुसंधान भी किया जाएगा। यह योजना राज्य के आठ जिलों मुधुबनी, खगड़िया, भागलपुर, बांका, मुंगेर, नवादा, गया और नालंदा जिलों के पांच-पांच गांवों का चयन किया गया है।

Similar News