सीएबी साहसिक कदम : आरएसएस

सीएबी साहसिक कदम : आरएसएस

IANS News
Update: 2019-12-12 11:00 GMT
सीएबी साहसिक कदम : आरएसएस

नई दिल्ली, 12 दिसम्बर (आईएएनएस)। लोकसभा और राज्यसभा से पास हुए नागरिकता संशोधन विधेयक(सीएबी) के मसले पर गुरुवार को पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) ने आधिकारिक बयान जारी किया है। आरएसएस ने इसे सरकार का साहसिक कदम बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सर संघचालक मोहन भागवत के बाद दूसरे नंबर के अधिकारी सरकार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी ने अपने बयान में कहा, नागरिकता संशोधन कानून का प्रस्ताव लोकसभा और राज्यसभा में रखा गया और वह बहुमत से पारित हुआ। इस पहल के लिए, इस साहसिक कदम के लिए, हम केंद्र सरकार का और विशेषत: प्रधानमंत्री और गृहमंत्री जी का हृदय से अभिनंदन करते हैं, उनको धन्यवाद देते हैं।

उन्होंने आगे कहा, जब देश का विभाजन हुआ, तब धार्मिक आधार पर ही विभाजन की मांग हुई थी। जबकि भारत की मानसिकता में इस तरह के धार्मिक राज्य की कल्पना नहीं है। लेकिन इसी मुद्दे पर देश का विभाजन हुआ और उस समय के देश के नेतृत्व ने इसे स्वीकार किया।

भैय्याजी जोशी ने कहा, अगर धर्म के आधार पर ये विभाजन न होता तो बाद में घटी तमाम तरह की घटनाएं शायद न होतीं। परंतु जब ये विभाजन हुआ, उसके बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश ने अपने आपको इस्लामिक राष्ट्र घोषित किया। उसी समय यह आशंका निर्माण हुई कि वहां रहने वाले अल्पसंख्यकों का स्थान क्या होगा? परंतु उस समय दो सरकारों के बीच जो समझौता हुआ था, उसमें कहा गया था कि इस्लामिक स्टेट होने के बाद भी किसी अल्पसंख्यक समुदाय के साथ कोई भेदभाव या अन्याय नहीं होगा। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रूप से ऐसा नहीं हुआ और वहां बड़ी संख्या में रहने वाला हिंदू समाज कई तरह की यातनाओं का शिकार बनता गया।

उल्लेखनीय है कि सीएबी अपनी अंतिम बाधा पार करते हुए बुधवार रात राज्यसभा में भी पारित हो गया। इस विधेयक में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।

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