CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा ने दफ्तर लौटते ही रद्द किए नागेश्वर राव के अधिकांश ट्रांसफर ऑर्डर

CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा ने दफ्तर लौटते ही रद्द किए नागेश्वर राव के अधिकांश ट्रांसफर ऑर्डर

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-09 18:48 GMT
CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा ने दफ्तर लौटते ही रद्द किए नागेश्वर राव के अधिकांश ट्रांसफर ऑर्डर
हाईलाइट
  • CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा ने नागेश्वर राव की ओर से जारी किए अधिकांश ट्रांसफर ऑर्डरों को रद्द कर दिया है।
  • इसके बाद राव ने 3 और 4 जनवरी 2019 को जॉइंट डायरेक्टर रैंक के अधिकारियों के ट्रांसफर के आदेश जारी किए।
  • नागेश्वर राव ने 24 अक्टूबर 2018 को सात ट्रांसफर ऑर्डर जारी किए थे।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑफिस लौटने के कुछ घंटों बाद ही CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा ने बुधवार को उन अधिकांश ट्रांसफर ऑर्डरों को रद्द कर दिया है, जिन्हें CBI कार्यालय के तत्कालीन डायरेक्टर (प्रभारी) एम नागेश्वर राव ने जारी किया था। आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के बीच तकरार शुरू होने के बाद सरकार ने दोनों को छुट्टी पर भेज दिया था और उनके सारे अधिकार ले लिए थे। इसके बाद नागेश्वर राव को CBI का अंतरिम डायरेक्टर बनाया गया था।

नागेश्वर राव ने 24 अक्टूबर 2018 को सात ट्रांसफर ऑर्डर जारी किए थे। इनमें डीएसपी एके बस्सी, डीआईजी एमके सिन्हा, संयुक्त निदेशक एके शर्मा जैसे वो अधिकारी भी थे जो अस्थाना के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के मामले की भी जांच कर रहे थे। इसके बाद राव ने 3 और 4 जनवरी 2019 को जॉइंट डायरेक्टर रैंक के अधिकारियों के ट्रांसफर के आदेश जारी किए थे।

आलोक वर्मा ने बुधवार को दो आदेश जारी करते हुए नागेश्वर राव के अधिकांश ट्रांसफर ऑर्डरों को रद्द कर दिया। आलोक वर्मा के जारी एक आदेश (50/2019) में कहा गया है कि 03.01.2019 और 04.01.2019 को जारी किए गए ट्रांसफर ऑर्डर को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है।

दूसरे ऑर्डर (51/2019) में कहा गया है कि 24.10.2018 को जारी किए गए ट्रांसफर ऑर्डर में से ऑफिस ऑर्डर नंबर 1702/2018 के Sl. No. 4 और 5 को छोड़कर तत्काल प्रभाव (09.01.2019) से वापस लिया जाता है।

 

 

बता दें कि भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया था। इसके बाद CBI में जॉइंट डायरेक्टर की जिम्मेदारी संभाल रहे एम नागेश्वर राव को CBI का अंतरिम डायरेक्टर बनाया गया था। हालांकि सरकार के इस फैसले को आलोक वर्मा ने चैलेंज किया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीवीसी के फैसले को पलटते हुए आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने का फैसला रद्द कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सरकार को कानून के तहत आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने का कोई अधिकार नहीं है। आलोक वर्मा 77 दिनों की छुट्टी के बाद बुधवार को ऑफिस लौटे हैं।    

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