- आतंकी सीमा पार अपने आकाओं से बात करने के लिए वॉट्सऐप के इस फीचर का इस्तेमाल करते है।
- गृह सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में हुई अहम बैठक।
- जम्मू-कश्मीर जैसे अशांत क्षेत्रों में केंद्र सरकार वॉट्सऐप कॉलिंग सर्विसेज पर रोक लगा सकती है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर जैसे अशांत क्षेत्रों में केंद्र सरकार वॉट्सऐप कॉलिंग सर्विसेज पर रोक लगा सकती है। दरअसल ऐसी जानकारी मिली है कि आतंकी सीमा पार अपने आकाओं से बात करने के लिए वॉट्सऐप के इस फीचर का इस्तेमाल करते है। सोमवार को गृह सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में हुई एक अहम बैठक में इस मुद्दे को उठाया गया। जिसके बाद इस संबंध में मंजूरी दी गई।
बैठक में नगरोटा आर्मी कैंप हमले की चर्चा
बैठक में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY), डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशंस के अलावा सुरक्षा एजेंसियों व जम्मू-कश्मीर पुलिस के कई टॉप अधिकारी शामिल हुए। यह बैठक तमाम सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर "कीपैड जिहादियों" द्वारा पोस्ट की गई नफरत फैलाने वाली सामग्री को हटाने पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी। जानकारी के मुताबिक बैठक में 2016 में नगरोटा आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले के संबंध में भी चर्चा की गई। दरअसल इस मामले में गिरफ्तार किए गए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर पुलिस को जानकारी दी है कि वे वॉट्सऐप कॉल के जरिए सीधे सीमा पार बैठे अपने हैंडलर्स से संपर्क में थे और उनसे निर्देश ले रहे थे।
एजेंसियां MeitY के साथ मिलकर काम करेंगी
अधिकारियों ने बताया कि मीटिंग में गल्फ के कुछ देशों समेत दुनिया के उन देशों का उदाहरण सामने रखा गया जहां वॉट्सऐप वॉइस या विडियो कॉलिंग की अनुमति नहीं है। इसके अलावा सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी को रोकने पर भी चर्चा हुई। मीटिंग में ये तय किया गया कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां MeitY के साथ मिलकर काम करेंगी जिससे समय-समय पर सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर आपत्तिजनक कंटेंट को ब्लॉक किया जा सके। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक अल क़ायदा, ISIS और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने इंटरनेट पर भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा छेड़ रखा है। साथ ही ये देश के युवाओं को बरगला कर अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे जिहादियों से निपटने के लिए रणनीति बनाई जा रही है।