गाय के नाम पर लोगों को मारना कतई मंजूर नहीं : संसद में सरकार का जवाब

गाय के नाम पर लोगों को मारना कतई मंजूर नहीं : संसद में सरकार का जवाब

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-20 15:06 GMT
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गौरक्षा के नाम पर निर्दोष लोगों को पीट पीट कर मार डालने के बढ़ते मामलों को लेकर विपक्ष के निशाने पर आई केन्द्र सरकार ने गुरुवार को सदन में जवाब दिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि गाय के नाम पर लोगों को मारना अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि इस मामले में राज्य सरकारों को जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।

इससे पहले लिंचिंग के मामले पर गुरुवार को संसद में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने इस मुद्दे पर राज्यसभा में केन्द्र सरकार को जमकर घेरा। कांग्रेस ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर दो तरह की बात करने का आरोप लगाया। वरीष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने तो यह तक कह दिया कि देश में हिंदुत्व की विचारधारा ने आतंक का माहौल पैदा कर दिया है। संसद में इस दौरान पशुओं की खरीद-फरोख्त पर लगी रोक के कारण चमड़ा उद्योग के बर्बाद होने का मामला भी उठाया गया।

हिंदुत्व की विचारधारा ने आतंक का माहौल पैदा कर दिया है : सिब्बल
देश भर में अल्पसंख्यक और दलित समुदायों के लोगों के शोषण और गौरक्षा के नाम पर पीट पीट कर मार डालने की घटनाओं में बढ़ोतरी पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि हिंदुत्व की विचारधारा ने आतंक का माहौल पैदा कर दिया है। उन्होंने कहा, 'घटनाओं में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के लोग भी शामिल हैं। विहिप ने गौरक्षकों की सेना के गठन का ऐलान कर इसके लिए 2700 लोगों की भर्ती भी कर दी है। इन लोगों को बजरंग दल द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है।'

सिब्बल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने गौरक्षकों पर नकेल कसने के लिये कुछ नहीं किया। सिब्बल ने कहा, 'मैं हिंसा की दिल दहला देने वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर देखकर हैरान रह गया। इस तरह का दृश्य हमने पिछले 50 साल में कभी नहीं देखा। हम पूछना चाहते हैं कि आखिर इन सब के पीछे का भाव क्या है आखिर हाल के कुछ सालों में हिंसा की घटनाओं में 97 प्रतिशत इजाफा क्यों हुआ?'

जेटली का जवाब
दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ उत्पीड़न के मुद्दे पर राज्यसभा में दो दिन तक चली चर्चा का सदन के नेता के रूप में जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि इस प्रकार की हिंसा के लिए केन्द्र को दोषी नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि इस प्रकार के मुद्दों के लिए राज्य सरकारें जिम्मेदार होती हैं। उन्होंने कहा, 'इस तरह की हिंसा को किसी भी तरह तर्कसंगत नहीं ठहराया जा सकता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह पहले ही इस तरह की घटनाओं की घोर निंदा कर चुके हैं।'

जेटली ने कहा, 'ऐसी घटनाओं को रोकने और अपराधियों पर कार्रवाई करने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। कानून अपना काम करेगा। ऐसे लोगों के प्रति कोई संवेदना नहीं दिखाई जाएगी।'

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