चिन्मयानंद प्रकरण : बबाली-वीडियो बाद अब स्वामी का भविष्य क्या? (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

चिन्मयानंद प्रकरण : बबाली-वीडियो बाद अब स्वामी का भविष्य क्या? (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

IANS News
Update: 2019-09-11 18:00 GMT
चिन्मयानंद प्रकरण : बबाली-वीडियो बाद अब स्वामी का भविष्य क्या? (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

शाहजहांपुर, 11 सितम्बर (आईएएनएस)। अब तक वीडियो के भीतर बंद रहा जिन्न मंगलवार को बाहर आ गया। स्वामी चिन्मयानंद से कथित तौर पर पीड़ित और बाद में रहस्यमय तरीके से गायब हुई छात्रा भी मिल गई। बुधवार को लड़की की चिकित्सा जांच भी करा दी गई। हॉस्टल में छात्रा के बंद पड़े रहस्यमयी कमरे को भी एसआईटी ने खोलकर फिर से सील कर दिया। इस सबके बावजूद मामले में कुछ ठोस निकल कर सामने नहीं आ पाया है। बस एक अदद सवाल कि पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता चिन्मयानंद का भविष्य अब क्या होगा?

देश सोच रहा था कि लड़की अगर सही सलामत मिल गई तो यौन उत्पीड़न के आरोपी स्वामी बुरी तरह निपट जाएंगे। लड़की सामने आई तो अफवाह उड़ी कि उसके पास मौजूद स्वामी के आपत्तिजनक हालत वाले वीडियो कुछ बड़ा करवा कर भूचाल ला देंगे। मंगलवार रात आते-आते एक, दो क्या पांच-छह वीडियो बाहर आ गए।

मंगलवार को दिन में सबसे पहले तीन-चार टुकड़ों में, बाजार में भिजवाया गया वह कथित वीडियो, जिसके मुताबिक, स्वामी चिन्मयानंद मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहे हैं, छाया रहा। यह अलग बात है कि वीडियो की सत्यता की परख विधि-विज्ञान (फॉरेंसिक साइंस) प्रयोगशाला द्वारा किया जाना अभी बाकी है।

वीडियो में कथित तौर पर 72-73 साल के स्वामी किसी लड़की से नंगे-बदन मसाज करा रहे हैं। मसाज कर रही लड़की कोई और नहीं, बल्कि स्वामी पर दुष्कर्म के आरोप लगाने वाली वही कानून की छात्रा है, जो कल तक स्वामी के कॉलेज में कानून पढ़ रही थी। अब उसने स्वामी को ही कानून के कटघरे में ला खड़ा किया है।

इस बारे में वरिष्ठ पूर्व आईपीएस अधिकारी और उत्तर प्रदेश के सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक (खुफिया) आर.के. चतुर्वेदी का मानना है कि कार में बनाया गया दूसरा वीडियो कानूनी तौर पर सही सिद्ध हो गया तो, जो भी आरोपी सिद्ध होगा, उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 383 के तहत आपराधिक मामला दर्ज हो सकता है।

चतुर्वेदी ने आईएएनएस से कहा, मौजूदा हालात में तो फिलहाल लड़की का ही पलड़ा भारी है। जो कथित मसाज वाला स्वामी का वीडियो सामने आया है, उसके हिसाब से तो चिन्मयानंद को यह साबित करना होगा कि वह निर्दोष हैं।

चतुर्वेदी जिस दूसरे वीडियो का जिक्र कर रहे हैं, उसमें कुछ लड़कों के साथ कार की पिछली सीट पर एक लड़की बैठी दिखाई दे रही है। वीडियो चलती कार में बनाया गया है। वीडियो कब का और कहां का है? वीडियो में लड़की के चारों ओर बैठे लड़के कौन हैं? अभी तक इसका खुलासा नहीं हो सका है। इस सबके बावजूद दावा यह किया जा रहा है कि वीडियो में दिखाई दे रही लड़की वही है, जो पहले वीडियो में कथित रूप से स्वामी चिन्मयानंद का मसाज करती दिखाई पड़ रही है।

बहरहाल, चलती कार में बैठे लड़कों और लड़कियों से दाढ़ी वाला एक लड़का कथित रूप से तल्ख आवाज में कहते देखा-सुना जा सकता है, उस आदमी को (शायद चिन्मयानंद) तुमने हल्का क्यों समझ लिया। उससे पैसे मांगने की क्या जरूरत थी। क्यों और किसने भेजा इतने भारी भरकम आदमी के लिए व्हाट्सएप मैसेज? उसे इतना कमजोर क्यों समझ लिया कि वह पैसे दे देगा। ..भैया को तुम लोग जानते हो। अगर उन्होंने अपना हाथ पीछे खींच लिया तो..

चतुर्वेदी आगे कहते हैं, पहले तो इन तमाम कथित वीडियो की फॉरेंसिक जांच से उनकी सत्यता प्रमाणित करवाया जाना जरूरी है। दूसरे इन वीडियो पर अदालत कितना विश्वास करती है, सब कुछ इस पर निर्भर करेगा।

दो तरह के वीडियो सामने आने के बाद स्वामी खुद के बचाव में आखिर क्या कुछ रास्ते तलाश रहे होंगे? इस सवाल पर चतुर्वेदी कहते हैं, अगर आरोपी स्वामी चिन्मयानंद ने खुद को नपुंसक साबित कर दिया! तो शायद पूरा मामला ही पलट जाए।

दिल्ली उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, न्यायमूर्ति एस.एन. ढींगरा भी वीडियो की फॉरेंसिक जांच की बात करते हैं। न्यायमूर्ति ढींगरा ने आईएएनएस से कहा, वीडियो तभी मायने रखेंगे, जब वे फॉरेंसिक जांच में सही साबित हो सकें। चूंकि लड़की बालिग है, ऐसे में पोक्सो एक्ट भी नहीं लगेगा। ऐसे में जहां तक दुष्कर्म (रेप) का मामला सिद्ध होने की बात है तो वह भी साबित कर पाना आसान नहीं है। क्योंकि घटना को काफी वक्त हो चुका है।

दूसरी ओर, इन बबाली वीडियो के सामने आने के बाद मामले की जांच में जुटी एसआईटी भी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।

सूत्रों के अनुसार, एसआईटी इस बिंदु से भी पड़ताल में जुटी है कि इस पूरे मामले में कहीं कोई तीसरा तो नहीं छिपा है, जिसने स्वामी और लड़की को आमने-सामने लाकर खड़ा कर दिया है।

सूत्रों के मुताबिक, एसआईटी इस बात का भी पता लगाने में जुटी है कि सोची-समझी रणनीति के तहत उचित समय समझकर बाहर लाए गए वीडियो शाहजहांपुर या उसके आसपास की किसी छोटी जगह पर संपादित तो नहीं कराए गए हैं।

-- आईएएनएस

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