मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस की हवा दिल्ली से भी ज्यादा खतरनाक

मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस की हवा दिल्ली से भी ज्यादा खतरनाक

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-11 16:50 GMT
मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस की हवा दिल्ली से भी ज्यादा खतरनाक

डिजिटल डेस्क, लखनऊ/ नई दिल्ली। दिल्ली की हवाओं से ज्यादा बनारस की हवाओं में प्रदूषण मिला हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में इस बात का खुलासा हुआ है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर)-दिल्ली में स्मॉग का असर बगल में पड़ने वाले उत्तर प्रदेश के कई शहरों पर भी हो रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा इस पर गहरी चिंता जाहिर की गई है। उत्तर भारत के शहरों में हवा की गुणवत्ता का इंडेक्स लगातार खतरनाक होता जा रहा है। सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक इसमें वाराणसी 491 के साथ हवा की गुणवत्ता खराब होने की लिस्ट में सबसे ऊपर है। इसके बाद गुरुग्राम 480, दिल्ली 468, लखनऊ 462 और कानपुर 461 अंकों पर है।

स्मॉग की वजह से ज्यादातर ट्रेनें अपने तय वक्त से कई घंटों की देरी से चल रही हैं। गौरतलब है कि दिल्ली के आसपास के इलाकों और पंजाब-हरियाणा में किसानों ने फसलों के अवशेष के रूप में बची पराली को बड़े पैमाने पर जलाने से उठा धुआं दिल्ली में स्मॉग का कारण बन रहा है। इस पर रोक लगाने के तमाम कोशिश बेकार रही हैं और किसान लगातार पराली जला रहे हैं, जिसके बाद अब केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को सैटेलाइट से निगरानी का उपाय अपनाना पड़ा है

दिल्ली में हालात इतने ख़राब हो गए हैं कि घर में भी खुले में सांस लेना मुश्किल हो गया है। राजधानी क्षेत्र में धुंध की समस्या गहराने के बाद राष्ट्रीय हरित अधिकरण और दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से इस समस्या से निपटने के लिए सरकार से किए गए उपायों की रिपोर्ट मांगी गई। बता दें कि स्मॉग धुआं-धुंध का मिश्रण होता है। धुंध में मिले धुएं के बारीक कणों की वजह से विजिबिलिटी कम हो जाती है। 

मेट्रो की आवाजाही को बढ़ाया गया

स्मॉग के चलते दिल्ली मेट्रो की आवाजाही को बढ़ा दिया गया है। ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करें और सुरक्षित रहें।

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