CJI दीपक मिश्रा बोले- सिस्टम की आलोचना करना आसान, इसे काम करने योग्य बनाना चुनौती

CJI दीपक मिश्रा बोले- सिस्टम की आलोचना करना आसान, इसे काम करने योग्य बनाना चुनौती

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-15 12:07 GMT
CJI दीपक मिश्रा बोले- सिस्टम की आलोचना करना आसान, इसे काम करने योग्य बनाना चुनौती
हाईलाइट
  • CJI दीपक मिश्रा ने कहा
  • सिस्टम की आलोचना करना आसान। इसे काम करने योग्य बनाना चुनौती।
  • किसी भी संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए सकारात्मक विचारधारा के साथ रचनात्मक कदम उठाने की आवश्यकता होती है।
  • सुप्रीम कोर्ट में स्वतंत्रता दिवस समारोह के कार्यक्रम के दौरान CJI ने ये बात कही।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) दीपक मिश्रा का कहना है कि सिस्टम की आलोचना करना, उस पर हमला करना और उसे नष्ट कर देना आसान है, लेकिन उसे काम करने योग्य बनाना एक चुनौती है। इसके लिए अपनी व्यक्तिगत आकांक्षाओं से ऊपर उठना होता है। सुप्रीम कोर्ट में स्वतंत्रता दिवस समारोह के कार्यक्रम के दौरान CJI ने ये बात कही।

दीपक मिश्रा ने कहा कि किसी भी संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए सकारात्मक विचारधारा के साथ रचनात्मक कदम उठाने की आवश्यकता होती है। तर्कसंगतता, परिपक्वता, ज़िम्मेदारी और धैर्य के साथ ठोस सुधार करने की ज़रूरत होती है तभी कोई संस्थान नई ऊंचाइयां छूता है। वहीं अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कार्यक्रम के दौरान सुप्रीम कोर्ट में भीड़ बने रहने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इसका सबसे ज्यादा खामियाजा महिला वकीलों को उठाना पड़ता है। अटॉर्नी जनरल के मुताबिक, लाइव स्ट्रीमिंग इसका हल हो सकता है, फिलहाल ये लंबित है लेकिन इसके शुरू होने पर कुछ राहत मिल सकती है।

 

 

गौरतलब है कि 12 जनवरी 2018 देश के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के चार जजों जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने मीडिया को संबोधित कर सर्वोच्च अदालत के कामकाज पर सवाल उठाए थे। जस्टिस चेलमेश्वर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था ऐसा कि कभी-कभी होता है जब देश में सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था भी बदलती है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के प्रशासन पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है।

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