वेबसाइट लांच कर कांग्रेस ने जनता से पूछा, कैसा घोषणापत्र चाहिए?

वेबसाइट लांच कर कांग्रेस ने जनता से पूछा, कैसा घोषणापत्र चाहिए?

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-29 10:36 GMT
वेबसाइट लांच कर कांग्रेस ने जनता से पूछा, कैसा घोषणापत्र चाहिए?
हाईलाइट
  • वेबसाइट को 16 भाषाओं में जारी किया गया है
  • कांग्रेस ने शुरू की लोकसभा चुनाव की तैयारी 2019
  • चिदंबरम ने कहा कि पार्टी का घोषणापत्र लोगों की राय लेकर तैयार किया जाएगा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव को अभी समय है, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने इसकी तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं। सोमवार को कांग्रेस ने जनता की राय लेने के लिए घोषणापत्र पर एक वेबसाइट जारी की। इस दौरान घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष पी चिदंबरम ने कहा कि घोषणापत्र से दल की जिम्मेदारी तय होती है, इसलिए वह एक अहम दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि हम जुमलों की तरह किए गए वादे पर विश्वास नहीं करते हैं। हमारी पार्टी दस्तावेज में दर्ज बातों पपर विश्वास करेगी। 


चिदंबरम ने कहा कि पार्टी का घोषणापत्र लोगों की राय लेकर तैयार किया जाएगा। ये आदेश कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पहले ही दे चुके हैं। पार्टी ने इसके लिए 1 अक्टूबर से नागपुर के कई समुदाय और हितधारकों से राय लेना शुरू कर दिया है। इससे पहले देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में रायशुमारी की गई थी, जिसमें पार्टी नेताओं के साथ ही आम लोगों ने भी हिस्सा लिया था। 


पूर्व वित्तमंत्री के मुताबिक दिसंबर तक रायशुमारी की प्रक्रिया खत्म हो जाएगी। वेबसाइट को 16 भाषाओं में जारी किया गया है। इसमें देश के सभी हिस्सों में रहने वाले लोग अपना सुझाव रख सकते हैं। चिदंबरम के मुताबिक इस माध्यम के जरिए कांग्रेस ज्यादा से ज्यादा लोगों की राय लेना चाहती है। 


कांग्रेस रिसर्च विभाग के अध्यक्ष और घोषणापत्र समिति के संयोजक प्रोफेसर राजीव गौड़ा ने बताया कि वेबसाइट को 16 भाषाओं में जारी करने के पीछे एक विचार है, जिसके अनुसार जनता खुद तय करे की वो किस तरह अपना भविष्य बेहतर बनाना चाहती है। जन आवाज नाम की इस वेबसाइट में दो तरह से रायशुमारी की जाएगी। एक में विभिन्न मामलों के विशेषज्ञों की राय तो दूसरे में आम जनता की राय जानी जाएगी। 

गौड़ा ने कहा कि घोषणा पत्र के लिए मुंबई, नागपुर, बेंगलूरू, अलीगढ़, चंडीगढ़ और विशाखापट्टनम के लोगों की राय ली जा रही है। घोषणा पत्र में आर्थिक पहलुओं के साथ ही पूर्व सैनिक, शहरी मुद्दों, किसान और शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जा चुकी है।

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